फिल्म फेस्टिवल में भेजेंगे
फिल्म डायरेक्टर नेहा सिंह ने बताया कि बहुत से युवा किसानी को शर्म का विषय मानते हैं। किसानी शर्म का नहीं गर्व का विषय हैं। इस फिल्म की विषय वस्तु किसान और खेती है। गंभीर विषय को समझाने के लिए फिल्म में हास्य का सहारा लिया गया है। इस फिल्म को फिल्म फेस्टीवल में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले एक फिल्म ‘जुत्ताÓ बनाई थी। इसमें बच्चों के माध्यम से यह बताना चाहा था कि परमात्मा ने जो दिया वह अच्छा है। उसे बुरा भला नहीं कहें। इसके बाद ‘बिरयानीÓ फिल्म बनाई। इस फिल्म के माध्यम से यह बताना चाहा था कि गांव से खूबसूरत और अपनों से खूबसूरत कुछ नहीं होता।
फिल्म डायरेक्टर नेहा सिंह ने बताया कि बहुत से युवा किसानी को शर्म का विषय मानते हैं। किसानी शर्म का नहीं गर्व का विषय हैं। इस फिल्म की विषय वस्तु किसान और खेती है। गंभीर विषय को समझाने के लिए फिल्म में हास्य का सहारा लिया गया है। इस फिल्म को फिल्म फेस्टीवल में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले एक फिल्म ‘जुत्ताÓ बनाई थी। इसमें बच्चों के माध्यम से यह बताना चाहा था कि परमात्मा ने जो दिया वह अच्छा है। उसे बुरा भला नहीं कहें। इसके बाद ‘बिरयानीÓ फिल्म बनाई। इस फिल्म के माध्यम से यह बताना चाहा था कि गांव से खूबसूरत और अपनों से खूबसूरत कुछ नहीं होता।
स्थानीय कलाकारों को मिला मौका : इस फिल्म में स्थानीय कलाकारों को मौका दिया गया है। स्थानीय 15 कलाकार फिल्म में काम कर रहे हैं। फिल्म डायरेक्टर इटारसी आयुध नगर की ही नेहा सिंह परिहार हैं। इस फिल्म की पूरी शूटिंग तिलक सिंदूर और भीलाखेड़ी गांव में की जाएगी। फिल्म की शूटिंग में करीब 1 महीना लगेगा।