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madhya pradesh assembly elections 2018 कांग्रेस का हाथ थामकर महिलाओं ने की सियासत, भाजपा ने नहीं दिया मौका

locationहोशंगाबादPublished: Oct 23, 2018 02:22:34 pm

Submitted by:

Manoj Kundoo

आधी आबादी की उपेक्षा

Congress gives women candidates in assembly polls and not BJP

madhya pradesh assembly elections 2018 कांग्रेस का हाथ थामकर महिलाओं ने की सियासत, भाजपा ने नहीं दिया मौका

मनोज कुंडू/होशंगाबाद। नगरीय निकाय और पंचायत में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करने वाली भाजपा अब तक होशंगाबाद जिले की एक भी विधानसभा सीट पर महिला प्रत्याशी नहीं उतार पाई है। महिला आरक्षण की वकालत करने वाली भाजपा ने हमेशा जिले की आधी आबादी की उपेक्षा की। यहां से महिलाएं हमेशा कांग्रेस का हाथ थामकर ही लोकतंत्र के मंदिर की सीढिय़ां चढ़ पाई हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पिपरिया विधानसभा सीट पर 1962 से 1972 तक लगातार कांग्रेस ने रतनकुमारी देवी को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने चुनाव जीतकर भरोसा कायम रखा। 1980 में कांगे्रस की सविता बनर्जी चुनाव जीतीं। कांग्रेस ने 2013 में फिर महिला नेतृत्व को तवज्जो दी, और ममता नागोत्रा को टिकट दी, लेकिन वह भाजपा के ठाकुरदास नागवंशी ने हार गईं। जबकि भाजपा ने अब तक यहां से कभी महिला प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा।
होशंगाबाद में भी कांग्रेस ने लगातार महिलाओं को तवज्जो दी। 1962 से 1972 तक सुशीला दीक्षित तीन बार कांग्रेस विधायक रहीं। 1998 में कांग्रेस ने सविता दीवान को चुनावी रण में उतारा। उनका मुकाबला भाजपा के मधुकर हर्णे से था। सविता ने 15 वोट से जीत दर्ज की। फिर वर्ष 2003 में फिर मैदान में उतरी लेकिन हार गईं।

नई विस में नहीं मिला महिलाओं को मौका
इटारसी और सिवनी मालवा विधानसभा सीट से कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने कभी महिलाओं को अवसर नहीं दिया। वर्ष 2008 में सोहागपुर नई विधानसभा बनी। यहां भाजपा ने विजयपाल सिंह और कांग्रेस ने मेहरबान सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था। परिसीमन के बाद इटारसी को होशंगाबाद विधानसभा में शामिल किया। यहां से भाजपा और कांग्रेस ने महिलाओं को मौका नहीं दिया।

टिकट किसको देना है, वह महिला होगी या पुरुष, यह सब हाइपावर कमेटी तय करती है। महिलाओं ने यदि दावेदारी भोपाल में पेश की होगी तो हमें इस बारे में जानकारी नहीं है।
हरि जायसवाल, जिलाध्यक्ष भाजपा
महिलाओं को कांग्रेस में हमेशा ही तवज्जो मिलती रही है। चारों सीटों पर महिलाओं ने दावेदारी पेश की है। मुझे लगता है कि पार्टी किसी न किसी एक विस से महिलाओं को प्रतिनिधित्व देगी।
कपिल फौजदार, जिलाध्यक्ष कांगे्रस
भाजपा महिला सशक्तिकरण के बारे में बहुत सोच रही है। हमने भी दावेदारी पेश की है। पार्टी का फोकस महिलाओं पर है। इसलिए उनको अवसर मिलने की उम्मीद है।
माया नारोलिया, पूर्व नपाध्यक्ष होशंगाबाद (भाजपा)
निकायों में आरक्षण के चलते मौका मिल जाता है, लेकिन विस चुनाव में ऐसा नहीं होता। महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बेहतर काम कर सकती हैं।
संगीता सोलंकी, जनपद अध्यक्ष होशंगाबाद (भाजपा)
कांग्रेस ने पूर्व में भी महिलाओं को तवज्जो दी है। हमें उम्मीद है कि इस बार भी मौका मिलेगा। हमने भी दावेदारी पेश की है। अवसर मिलेगा तो हम तैयार हैं।
सविता दीवान, पूर्व विधायक (कांगे्रस)
कांग्रेस में महिलाओं को हमेशा ही तवज्जो मिली है। इसलिए उम्मीद है इस बार भी मौका मिलेगा। हमने भी दावेदारी पेश की है। पार्टी अवसर देगी तो चुनाव लड़ेंगे।
नीलम गांधी, पूर्व नपाध्यक्ष (कांगे्रस)
भाजपा ने संगठन में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है। निकाय चुनाव में 50 प्रतिशत लागू कराया है। विधानसभा चुनाव में भी निश्चित तौर पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। जीतने वाली महिलाओं को पार्टी अवश्य टिकट देगी।
रजनीश अग्रवाल, प्रवक्ता प्रदेश भाजपा

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