– व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
– साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकेण्ड तक धोएं।
– बिना धोए हाथों से अपनी आंखे, नाक और मुंह छूने से बचे।
– बीमार होने पर घर पर रहें। जो लोग बीमार है उनके निकट संपर्क से बचे।
– संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय मास्क का उपयोग करें।
– सर्दी व खांसी के मरीज साफ सुथरा रूमाल रखे व रोज बदलें।
– पानी खूब पिएं तथा पोस्टिक आहार का सेवन करें।
– स्वास्थ्य आहार और जीवन शैली के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाएं।
– खांसी व छींक आने पर मुंह व नाक को रूमाल या टीशू पेपर से ढंक लें।
– प्रतिदिन कम से कम 30 मिनिट योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान करें।
– पूरे दिन केवल गर्म पानी पीएं।
– च्यवनप्राश 10 ग्राम (1 चम्मच) सुबह ले। मधुमय के रोगी शुगर फ्री च्वयनप्राश लें।
– तुलसी 3 से 5 पत्तियां (1 लीटर पानी में), दाल चीनी काली मिर्च, शुंठी (सूखा अदरक) एवं मुनक्का से बनी हरबल टी, काढा दिन में 1 से 2 बार पिएं (स्वाद के अनुसार इसमें गुड या ताजा नींबू का रस मिला सकते है)
– गोल्डन मिल्क 150 मिली – गर्म दूध में आधा चम्मच, हल्दी चूर्ण दिन में 1 से 2 बार लें।
– हल्दी, जीरा, धनिया एवं लहसुन आदि मसालो का भोजन बनाने में प्रयोग करें।
– त्रिकुट पाउडर 5 ग्राम, तुलसी 3 से 5 पत्तियां 1 लीटर पानी में डालकर उबालें। आधा रहने पर आवश्यकतानुसार घुटघुट कर पिएं।
– प्रतिमर्स नस्य नाक के प्रत्येक नथूने में प्रतिदिन सुबह अणु एवं तिल तेल उंगली से लगाएं।