एसटीआर सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार मंगलवार की शाम अर्थात ईवनिंग सफारी के लिए पर्यटकों द्वारा नौ जिप्सियां की आनलाइन बुकिंग कर रखी थी। लेकिन मात्र पांच जिप्सी ही सफारी के लिए ले जाई गईं। वहीं बुधवार सुबह भी बुक्ड 14 जिप्सियों में से मात्र छह जिप्सियों से ही पर्यटक सफारी के लिए गए। स्पष्ट है कि कोरोना इफेक्ट का असर टूरिज्म पर पड़ रहा है। अधिकारिक रूप से इसकी स्वीकृति अधिकारी वर्ग नहीं कर रहा है, लेकिन आंकडे साफ दर्शा रहे हैं कि वर्तमान में स्थिति क्या है।
एसटीआर के कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें उच्च स्तर से निर्देश हैं कि पूरे समय मुंह पर मास्क लगाकर रखा जाए। इसके अलावा बारबार हैंड सेनटाईज करने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही निर्देश है कि जो भी बाहरी व्यक्ति या पर्यटक यदि मढ़ई क्षेत्र में प्रवेश करता है तो पहले उसके हाथों पर सेनिटाईजर लगाया जाए, तभी उससे बात की जाए। हाथ मिलाने की अपेक्षा नमस्कार कर पर्यटक का अभिवादन किया जाए। बोट्स पर बैठने के समय और उतरने के बाद सेनिटाईजर उपयोग के निर्देश हैं।
इधर बुधवार की सुबह सोहागपुर एसडीएम डीआर बिल्वे ने तहसीलदार के नाम पत्र जारी कर आदेश किया है कि कोरोना वायरस की गंभीरता के चलते मढ़ई के आसपास संचालित सभी होटलों को बंद किया जाए। जिसके बाद तहसीलदार पी निगम ने रिसोर्ट्स व होटलों में पहुंचकर इन्हें बंद कराया है। तथा होटलों व रिसोर्ट्स में ठहरे पर्यटकों को भी वापसी के आदेश दिए गए हैं। यद्यपि मढ़ई में पर्यटन जारी रहेगा या बंद किया जाएगा, इसे लेकर अधिकारी स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। एसटीआर अधिकारियों ने पूछताछ में बताया कि रिजर्व एरिया में पर्यटन बंद करने का आदेश मात्र पीसीसीएफ दे सकते हैं।
बुकिंग कराने वाले कुछ पर्यटक नहीं आ रहे तो कुछ आ रहे हैं, मौसमी प्रभाव के चलते पर्यटक कम जरूर हुए हैं। सतर्कता रखने के निर्देश प्रत्येक कर्मचारी को दिए गए हैं। उच्च स्तर से पर्यटन को कुछ समय के रोकने का कोई निर्देश अब तक नहीं मिला है।
आरएस भदौरिया, असिस्टेंट डायरेक्टर, एसटीआर, सोहागपुर।
एसडीएम साहब के लिखित आदेश के बाद ग्राम सारंगपुर व जंगल में बने निजी रिसोर्ट्स हमने बुधवार को बंद कराए हैं। सेंचुरी का रेस्ट हाउस बंद कराना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
पुष्पेंद्र निगम, तहसीलदार सोहागपुर।