scriptLockdown effect: 68%तक गिरा अपराध का ग्राफ,बदमाशों पर कार्रवाई 70% घटी | Crimes drop by 68 Percent, criminal action reduced by 70 Percent | Patrika News

Lockdown effect: 68%तक गिरा अपराध का ग्राफ,बदमाशों पर कार्रवाई 70% घटी

locationहोशंगाबादPublished: Jun 06, 2020 12:49:04 am

हत्या जैसे गंभीर अपराधों पर नहीं आया विशेष अंतर, फरार अपराधियों की गिरफ्तारी भी नहीं हो सकी

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reduced crime in the state

बृजेश चौकसे, भोपाल. कोरोना महामारी के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन से मध्यप्रदेश पुलिस राहत में है। उसके बढ़ रहे अपराध के आंकड़े अचानक गिर गए हैं। पिछले दो माह में छेड़छाड़ से लेकर अपहरण और बलात्कार तक के अपराधों में 25 से लेकर 68 फीसदी तक की रिकार्ड गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि इस दौरान शराबियों, जुआरियों और अपराधियों पर होने वाली कार्रवाई में भी सर्वाधिक 70 फीसदी की कमी आई। इस सबके बावजूद हत्या के मामले बढ़े हैं। लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इन मामलों में अधिकांश लोग परिचित होते हैं, इस वजह से अंतर नहीं आया।
मार्च की तुलना में अप्रैल में भारी अंतर
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन के बाद अप्रेल से अपराधों के ग्राफ में तेजी से गिरावट दर्ज हुई। 25 मार्च से लॉक डाउन हुआ था। मार्च की तुलना में अप्रेल में प्रदेश भर के थानों में 40.07 प्रतिशत कम मामले दर्ज हुए। जहां मार्च में 4287 मामले दर्ज हुए थे वहीं अप्रेल में 2569 प्रकरण पंजीबद्ध हुए। सिर्फ हत्या के मामले में जरूर 5.56 प्र्रतिशत की वृद्धि हुई। मार्च में जहां 36 हत्याएं हुई थी वहीं अप्रेल में संख्या बढ़कर 38 हो गई थी। अन्य अपराधों में लॉकडाउन के कारण कमी दर्ज हुई। बलात्कार के मामलों में 42.46 प्रतिशत और अपहरण में 67.91 प्रतिशत की कमी आई।
ऐसे गिरा ग्राफ
अपराध अप्रैल 2019 – अपराध अप्रैल 2020 – अंतर प्रतिशत में
– महिला अपराध 4384 – 1815 – 41.40%

– हत्या 38 – 38 – 0%
– अपरहण 762 – 207 – 72.83%
– बलात्कार 413 – 206 – 50.12%
– छेड़छाड़ 640 -362 – 43.44%
– हत्या के प्रयास – 24 – 18 – 25%
इन अपराधों में भारी कमी
– मादक पदार्थों की तस्करी, जुआ और सट्टे
– सड़क हादसे, सामूहिक हमला, छेड़छाड़, पीछा करना और मारपीट, चोरी लूट एवं डकैती।
फैक्ट फाइल
– अप्रेल में 3372 मामलों में अदालत में चालान पेश किया
– अप्रेल तक 23523 मामले पुलिस जांच में लंबित हैं।
– अदालत ने 798 मामलों में निराकरण किया। 145 (18.17′) में सजा सुनाई।
– हर साल प्रदेश में दर्ज होते हैं 2.50 लाख से अधिक मामले
– प्रदेश में लगभग 6261 अपराधी फरार हैं। जिनकी पुलिस को तलाश है।
इसलिए कार्रवाई में आई कमी
– कोरोना संक्रमण रोकने की प्राथमिकता के चलते अन्य पुलिसिंग कार्य प्रभावित हुए।
– लॉकडाउन के कारण कलेक्टर, एडीएम कोर्ट और अदालतों में भी जरूरी काम के चलते जिलाबदर, धारा 151 एवं 110 आदि में प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयां नहीं हुई।
– शराब दुकानें बंद होने से शराब तस्करी, जुआ और सट्टा के अवैध करोबार भी बंद रहे।
– वाहनों का आवागमन बंद होने से एक्सीडेंट, पुलिस एक्ट और मोटर व्हीकल एक्ट आदि की कार्रवाईयां नहीं हुई।
– वारंटियों की तलाश में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र एवं जिला व शहर में पुलिस नहीं जा सकी।
– छोटे-मोटे मामलों में अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, जिससे जेल में कोरोना का खतरा न बढ़े।
लॉकडाउन के कारण अपराध में कमी आई है। रहा सवाल फरार वारंटियों को ढूंढ़ने और पकड़ने में आयी कमी का, तो कोरोना को फैलने से रोकना प्राथमिकता होने से अधिकांश फ़ोर्स इसी ड्यूटी में लगा रहा। अब जब लॉकडाउन खुलना शुरू हो गया है तो पुलिस के सामान्य कार्य भी शुरू हो गए है।
विवेक जौहरी, डीजीपी मध्यप्रदेश
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