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यहां होती है रावण की आराधना, नवरात्रि में जलती है ज्योत

locationहोशंगाबादPublished: Oct 13, 2018 11:41:21 pm

Submitted by:

sandeep nayak

साल में एक बार लगता है मेला

dashara 2018 date and ravan puja

navratri puja

सारनी। जब दशहरे पर देशभर में रावण के पुतले को जलाया जा रहा होता है तब मप्र के बैतूल जिले की छतपुर पंचायत में रावण की पूजा आरती की जा रही होती है। बैतूल जिले के छतरपुर पंचायत के आदिवासी रावण को देव के रूप में पूजते हैं। छतरपुर में एक स्थान पर मां जगम्बे की प्रतिमा स्थापित की गई है। दो जगह मां के नाम की ज्योत जलाई गई है। इनके साथ रावण के मंदिर में भी पूरे नवरात्र ज्योत जलती है। नई फसल सबसे पहले रावण को चढ़ाई जाती है। जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी अंतर्गत आने वाली छतरपुर पंचायत में लगभग दो हजार फीट ऊंचे पहाड़ पर रावण का मंदिर बनाया गया है। जिसे राऊन देव के नाम से जाना जाता है।
दशहरे पर विशेष पूजा
गांव के सुनील सरियाम, रामदास वट्टी ने बताया कि गांव के लोग रावण के साथ मां दुर्गा की भी पूजा करते हैं। नवरात्रि के दौरान छतरपुर में एक स्थान पर मां जगम्बे की प्रतिमा स्थापित की गई है। दो जगह मां के नाम की ज्योत जलाई गई है। इनके साथ रावण के मंदिर में भी पूरे नवरात्र ज्योत जलती है। यहां ग्रामीण रावण की आरती उतारकर पूजा करते हैं।
साल एक बार लगता है मेला
रावण के मंदिर के पास पहाड़ी पर हर साल फरवरी या अप्रैल में सात दिवसीय मेला लगता है। जिसमें पूरे प्रदेश से आदिवासी पहुंचकर रावण की पूजा करते हैं। इस मेले का शुभारंभ जनप्रतिनिधि करते हैं।
10 अक्टूवर से शुरू हो रही है नवरात्रि
होशंगाबाद। 10 अक्टूबर से मां दुर्गा की आराधना की त्यौहार नवरात्रि शुरू हो रहा है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार के दौरान भक्त मां की आराधना करेंगे। कोई उपवास रखेगा तो कोई जवारों से मां को मनाएंगे। नौ दिनों तक देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। आज हम आपको बता रहे हैं माता की आराधना में वास्तु संबंधी कई बातों का ध्यान कैसे रखना चाहिए। इससे आराधना का अच्छा फल मिलेगा।
नवरात्रि शुरू होने से पहले घर और पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें। नवरात्रि के दौरान घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी और चूने से स्वस्तिक बनाना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता है।
कहा जाता है कि ईशान कोण की दिशा में देवी-देवताओं का निवास होता है। इसलिए नवरात्रि में माता की प्रतिमा, चौकी और कलश की स्थापना इसी दिशा में करें। इसी तरप सकारात्मक ऊर्जा का असर सबसे अधिक रहता है।

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