चातुर्मास का महत्व
चातुर्मास का समय साधु, संतों और भक्तों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार चातुर्मास के चार महीनों में हवन, ध्यान, व्रत एवं पूजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु शायन के लिए पाताल लोक में चले जाते और संसार की पूरी जिम्मेदारी भगवान शिव उठाते हैं। इसलिए चातुर्मास के पहले महीने में भगवान शिव की पूजा-आराधना करना लाभदायक माना जाता है। पद्मपुराण के अनुसार जो मनुष्य चातुर्मास में सभी नियमों का पालन करता और संयम बरतता है, उसे पुण्य फ ल की प्राप्ति होती है।
चातुर्मास का समय साधु, संतों और भक्तों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार चातुर्मास के चार महीनों में हवन, ध्यान, व्रत एवं पूजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु शायन के लिए पाताल लोक में चले जाते और संसार की पूरी जिम्मेदारी भगवान शिव उठाते हैं। इसलिए चातुर्मास के पहले महीने में भगवान शिव की पूजा-आराधना करना लाभदायक माना जाता है। पद्मपुराण के अनुसार जो मनुष्य चातुर्मास में सभी नियमों का पालन करता और संयम बरतता है, उसे पुण्य फ ल की प्राप्ति होती है।