टीम में शामिल फरुद्दीन सैयद और संजूलता भार्गव ने रेडियोलॉजी, ब्लड बैंक और ओटी का निरीक्षण किया। ऑपरेशन थियेटर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग से 300 मीटर दूर है। एेसे में मरीजों को इलाज के बाद स्ट्रेचर के जरिए वार्डों में पहुंचाया जाता है। टीम ने कहा यह व्यवस्था एक ही बिल्डिंग में होना चाहिए। नहीं तो ऑपरेशन थियेटर से वार्ड तक कवर्ड शेड बनाना चाहिए। टीम ने देखा कि पंजीयन के बाद मरीजों को इलाज कराने में करीब आधा घंटे लग रहे हैं। जिसके बाद प्रबंधन को सलाह दी की देखें कि कहां समय ज्यादा लग रहा है और क्यों। इसमें कटौती की जाए।