ये हैं कुछ खास आइटम
म्यूजिकल माला : छोटे पटाखों की इस लड़ी को जलाने के बाद संगीत की ध्वनि सुनाई देगी। आमतौर पर पटाखों से कर्कश आवाज ही आती है। यह पहली बार है कि जब किसी पटाखे से म्यूजिक की सुनाई देगा।
म्यूजिकल माला : छोटे पटाखों की इस लड़ी को जलाने के बाद संगीत की ध्वनि सुनाई देगी। आमतौर पर पटाखों से कर्कश आवाज ही आती है। यह पहली बार है कि जब किसी पटाखे से म्यूजिक की सुनाई देगा।
सायरन रॉकेट : आमतौर पर दीपावली के दौरान चलाए जाने वाले रॉकेट सिंपल की वीप के साथ आसमान में जाकर फट जाते हैं लेकिन इस बार सायरन रॉकेट आसमान में धूम मचाने के लिए तैयार हैं। इससे भी खास है इनकी अवाज इनसे तरह-तरह के सायरन की आवाजा आएगी।
चैलेंजर रॉकेट : सांप के आकार में तैयार चैलेंजर रॉकेट भी पटाखा बाजार में धूम मचाने के लिए तैयार है। इसे भी खूब पसंद किया जा रहा है। किंग शॉट : अलग-अलग शॉट में मौजूद है। इसे जलाते ही यह आसमान में जाकर फटते ही आसमान का रंगीन कर देगा। इसके कारण करीब 1 से 2 मिनट तक आसमान रंगीन रहेगा।
हेमामालिनी छाप लड़ी : छोटे पटाखों में हेमामालिनी छाप लड़ी की डिमांड काफी है। परंपरागत ब्रांड भी मौजूद
पटाखा बाजार में कुछ ऐसे ब्रांड भी मौजूद हैं जो वर्षों से चल रहे हैं इनमें ताजमहल, मुर्गा छाप, गीता उपदेश सहित अन्य छापें बाजार में मौजूद हैं।
पटाखा बाजार में कुछ ऐसे ब्रांड भी मौजूद हैं जो वर्षों से चल रहे हैं इनमें ताजमहल, मुर्गा छाप, गीता उपदेश सहित अन्य छापें बाजार में मौजूद हैं।
यह रखें सावधानी
बेहद नजदीक से या हाथ मेें पकड़कर पटाखों को न जलाएं।
पटाखा न जलने पर तुरंत उसके पास न जाएं। हो सकता है वह अचानक फट जाए।
शोर की तीव्रता कम करने के लिए ईयरप्लग या ईयर मफ्स का प्रयोग करें।
शराब आदि पीकर पटाखे न जलाएं। ऐसे में कई बार हादसे हो जाते हैं।
बहुत तेज शोर करने वाले पटाखों और बमों से बचें।
माता-पिता की निगरानी में ही बच्चे पटाखे जलाएं और बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं पटाखों से दूरी बनाएं।
पटाखों की आवाज से यदि कान सुन्न होने, कम सुनने, सीटी बजने जैसी आवाज महसूस हो तो देर किए बिना चिकित्सक से संपर्क करें। इन परेशानियों में इलाज के लिए शुरुआती 24 घंटे प्रभावी होते हैं।
बेहद नजदीक से या हाथ मेें पकड़कर पटाखों को न जलाएं।
पटाखा न जलने पर तुरंत उसके पास न जाएं। हो सकता है वह अचानक फट जाए।
शोर की तीव्रता कम करने के लिए ईयरप्लग या ईयर मफ्स का प्रयोग करें।
शराब आदि पीकर पटाखे न जलाएं। ऐसे में कई बार हादसे हो जाते हैं।
बहुत तेज शोर करने वाले पटाखों और बमों से बचें।
माता-पिता की निगरानी में ही बच्चे पटाखे जलाएं और बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं पटाखों से दूरी बनाएं।
पटाखों की आवाज से यदि कान सुन्न होने, कम सुनने, सीटी बजने जैसी आवाज महसूस हो तो देर किए बिना चिकित्सक से संपर्क करें। इन परेशानियों में इलाज के लिए शुरुआती 24 घंटे प्रभावी होते हैं।