जांच के लिए चलित लैब ही नहीं
वही खाद्य विभाग भी सक्रिय हो गया है। हालांकि जिले में खाद्य अमले के पास केवल दो अफसर और कुछ कर्मचारी है, जिनके जिम्मे खाद्य पदार्थो में मिलावटी की जांच करना है। जांच के लिए चलित लैब तक नहीं है, न ही पर्याप्त स्टॉफ। ऐसे में कई बार अधिकारियों की जांच मजबूरी में रस्म अदायगी तक सीमित हो जाती है। होटल वालों ने एंडवास में मिठाईयों के आर्डर लेकर मिठाइयां और नमकीन बनानी शुरू कर दी है। बड़ी मात्रा में इनकी मांग निकलने से मिलावटी की प्रबल संभावना रहती है। मावा, दूध, नमकीन में भी मिलावटी कर बाजारों में खपा देते हैं। स्वादिष्ट बनाने के चक्कर में नमकीन में मसाले, मिर्च- हल्दी पाउडर के साथ ही प्रयुक्त तेल तथा मिठाईयां बनाने में नकली घी का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है।
वही खाद्य विभाग भी सक्रिय हो गया है। हालांकि जिले में खाद्य अमले के पास केवल दो अफसर और कुछ कर्मचारी है, जिनके जिम्मे खाद्य पदार्थो में मिलावटी की जांच करना है। जांच के लिए चलित लैब तक नहीं है, न ही पर्याप्त स्टॉफ। ऐसे में कई बार अधिकारियों की जांच मजबूरी में रस्म अदायगी तक सीमित हो जाती है। होटल वालों ने एंडवास में मिठाईयों के आर्डर लेकर मिठाइयां और नमकीन बनानी शुरू कर दी है। बड़ी मात्रा में इनकी मांग निकलने से मिलावटी की प्रबल संभावना रहती है। मावा, दूध, नमकीन में भी मिलावटी कर बाजारों में खपा देते हैं। स्वादिष्ट बनाने के चक्कर में नमकीन में मसाले, मिर्च- हल्दी पाउडर के साथ ही प्रयुक्त तेल तथा मिठाईयां बनाने में नकली घी का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है।
इटारसी में बहुत कम हो रही जांच
इटारसी में लगभग 200 से अधिक होटल व्यवसायी है, जो त्यौहारों के समय नमकीन और मिठाईयां बनाते है। खाद्य विभाग के अमले के साथ ही चलित लैब और संसाधन की कमी के कारण मिलावटी को लेकर जांच नहीं हो पा रही है। इटारसी में पिछले एक साल में विभाग लगभग दो दर्जन विक्रेताओं के खिलाफ ही कार्रवाई कर पाया।
इटारसी में लगभग 200 से अधिक होटल व्यवसायी है, जो त्यौहारों के समय नमकीन और मिठाईयां बनाते है। खाद्य विभाग के अमले के साथ ही चलित लैब और संसाधन की कमी के कारण मिलावटी को लेकर जांच नहीं हो पा रही है। इटारसी में पिछले एक साल में विभाग लगभग दो दर्जन विक्रेताओं के खिलाफ ही कार्रवाई कर पाया।
जिले का बड़ा क्षेत्र
जिले काफी बड़ा है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि होशंगाबाद – इटारसी बड़े दो शहर है, जहां दोनों मिलाकर 500 से अधिक छोटे- बड़े होटल व्यवसायी है, जो मिठाईयां और नमकीन बनाते हैं। ऐसे में खाद्य और सुरक्षा प्रशासन के पास अमला कम होने से सही तरीके से मिलावट की जांच नहीं हो पाती है। विभाग में खाद्य अधिकारी और सहायक खाद्य अधिकारी है, बाकी आधा दर्जन निरीक्षक है। विक्रेताओं की तुलना में स्टॉफ कम होने से मिलावटीखोरों के प्रति सख्त कार्यवाही नहीं हो पाती है।
जिले काफी बड़ा है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि होशंगाबाद – इटारसी बड़े दो शहर है, जहां दोनों मिलाकर 500 से अधिक छोटे- बड़े होटल व्यवसायी है, जो मिठाईयां और नमकीन बनाते हैं। ऐसे में खाद्य और सुरक्षा प्रशासन के पास अमला कम होने से सही तरीके से मिलावट की जांच नहीं हो पाती है। विभाग में खाद्य अधिकारी और सहायक खाद्य अधिकारी है, बाकी आधा दर्जन निरीक्षक है। विक्रेताओं की तुलना में स्टॉफ कम होने से मिलावटीखोरों के प्रति सख्त कार्यवाही नहीं हो पाती है।
चलित लैब नहीं, जांच में हो रही दिक्कत
त्योहारों के समय ऐन वक्त पर अगर खाद्य विभाग कही छापा डालकर मिलावटी सामग्री की जांच करना भी चाहता, तो उसके पास संसाधन नहीं है। शासन ने विभाग को कहने में हर जिले में एक चलित लैब रखने का प्रावधान किया है, लेकिन होशंगाबाद जिले में चलित लैब न होने से विभाग विक्रेताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाता। अगर सैंपल लेकर भोपाल भेजे, तो ईदगाह हिल्स स्थित प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने में कई दिन लग जाते हैं। ऐसे में जांच सिर्फ रस्म अदायगी जैसी रह जाती है।
खाद्य विभाग के पास चलित लैब और अन्य संसाधन नहीं है। स्टॉफ की कमी भी है। ऐसे में होटलों में मिठाइयां- नमकीन बनाने और खाद्य सामग्रियों में मिलावट की जांचकर कार्रवाई करने में परेशानी आती है। उपभोक्ता से अपील है कि मिलावट का संदेह हो, तो शिकायत करें। ताकि संबंधित विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई कर सकें।
शिवराज पावक, खाद्य अधिकारी, खाद्य विभाग, होशंगाबाद।
शिवराज पावक, खाद्य अधिकारी, खाद्य विभाग, होशंगाबाद।