इसलिए लागू किया जा रहा ई-पंचानामा
- बिजली चोरी का केस दर्ज करने के लिए एक निर्धारित फारमेट है। यह कागज पर प्रिंट रहता है। जब पंचानामा खत्म हो जाता था तो बिजली चोरों के खिलाफ अभियान थम जाता है। महीनों कार्रवाई नहीं होती थी। जब पंचनामे छपकर आते थे, तभी अभियान शुरू होते थे। अब अभियान नहीं रुकेगा, क्योंकि पंचानामे की जरूरत नहीं होगी।
-अधिकारी बिजली चोरी का केस दर्ज करके आते थे, उसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं रहती थी। बिजली चोरों से समझौता भी करते थे। ई-पंचानामे से तत्काल जानकारी भोपाल तक पहुंच जाएगी।
- पंचनामा फाडऩे की घटनाएं अधिक होती थी। अब पंचानामा फाड़ नहीं सकेंगे।
-कोर्ट में बिजली चोर कहते थे कि उसे कोई सूचना नहीं दी गई। अब मोबाइल से भेजे गए संदेश से जानकारी दी जाएगी।
-मोबाइल स्क्रीन पर ही हस्ताक्षर बनाए जाएंगे।
- बिजली चोरी का केस दर्ज करने के लिए एक निर्धारित फारमेट है। यह कागज पर प्रिंट रहता है। जब पंचानामा खत्म हो जाता था तो बिजली चोरों के खिलाफ अभियान थम जाता है। महीनों कार्रवाई नहीं होती थी। जब पंचनामे छपकर आते थे, तभी अभियान शुरू होते थे। अब अभियान नहीं रुकेगा, क्योंकि पंचानामे की जरूरत नहीं होगी।
-अधिकारी बिजली चोरी का केस दर्ज करके आते थे, उसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं रहती थी। बिजली चोरों से समझौता भी करते थे। ई-पंचानामे से तत्काल जानकारी भोपाल तक पहुंच जाएगी।
- पंचनामा फाडऩे की घटनाएं अधिक होती थी। अब पंचानामा फाड़ नहीं सकेंगे।
-कोर्ट में बिजली चोर कहते थे कि उसे कोई सूचना नहीं दी गई। अब मोबाइल से भेजे गए संदेश से जानकारी दी जाएगी।
-मोबाइल स्क्रीन पर ही हस्ताक्षर बनाए जाएंगे।
हर क्षेत्र में बिजली चोरी का तरीका अलग
बिजली चोर मीटर में सर्किट लगाकर गति धीमी कर देते हैं, जिससे बिजली का बिल स्थिर रहता है। यह तरीका पाश इलाकों में अपनाया जाता है। कटिया डालकर बिजली चोरी की जाती है। निचली बस्ती व नई कालोनियों में कटिया डालकर चोरी की जाती है।
फैक्ट फाइल
- 1.25 लाख उपभोक्ता
- 6000 बिजली चोर एक साल में पकड़े जाते हैं
- 12 करोड़ की बिजली चोरी
- 3000 कोर्ट में लंबित केस इनका कहना...
1 अप्रैल से बिजली चोरों का ई-पंचनामा तैयार किया जाएगा। इसकी जानकारी मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। अभी तक पंचनामा में कई तरह की परेशानियां थी। लेकिन आने वाले सॉफ्टवेयर में इस तरक की कोई परेशानी नहीं रहेगी।
अंकुर मिश्रा, डीई नर्मदापुरम
- 1.25 लाख उपभोक्ता
- 6000 बिजली चोर एक साल में पकड़े जाते हैं
- 12 करोड़ की बिजली चोरी
- 3000 कोर्ट में लंबित केस इनका कहना...
1 अप्रैल से बिजली चोरों का ई-पंचनामा तैयार किया जाएगा। इसकी जानकारी मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। अभी तक पंचनामा में कई तरह की परेशानियां थी। लेकिन आने वाले सॉफ्टवेयर में इस तरक की कोई परेशानी नहीं रहेगी।
अंकुर मिश्रा, डीई नर्मदापुरम