scriptहिल स्टेशन पर अतिक्रमण….283 परिवारों का विस्थापन अधर में, प्रशासन ने सिमारा में देखी जमीन, शासन को भेजा प्रस्ताव | Encroachment will not be removed from tomorrow, displacement of 243 fa | Patrika News

हिल स्टेशन पर अतिक्रमण….283 परिवारों का विस्थापन अधर में, प्रशासन ने सिमारा में देखी जमीन, शासन को भेजा प्रस्ताव

locationहोशंगाबादPublished: Mar 15, 2020 06:15:44 pm

Submitted by:

govind chouhan

न्यायालय के आदेश के बाद छावनी परिषद ने अतिक्रमण हटाने १६ मार्च को मुनादी कराकर अतिक्रमणकारियों को सूचना जारी कर दी है

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हिल स्टेशन पर अतिक्रमण….283 परिवारों का विस्थापन अधर में, प्रशासन ने सिमारा में देखी जमीन, ३ करोड़़ ११ लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा

पिपरिया. पचमढ़ी छावनी परिषद क्षेत्र का अतिक्रमण न्यायालय के आदेश से हटना तय है लेकिन अतिक्रमण कब तक हटेगा यह अभी प्रक्रियाधीन है। न्यायालय के आदेश के बाद छावनी परिषद ने अतिक्रमण हटाने १६ मार्च को मुनादी कराकर अतिक्रमणकारियों को सूचना जारी कर दी है। ढाई सैकड़ा से अधिक परिवार अतिक्रमण टूटने के बाद कहां रहेंगे इसे लेकर न्यायालय ने राज्य सरकार को विस्थापन किए जाने आदेशित किया है।
छावनी परिषद पचमढ़ी को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालनार्थ करीब २८३ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करना है। छावनी सीईओ ने सुप्रीम कोर्ट में अतिक्रमणकारियों की ओर से लगी याचिका खारिज होने के बाद अतिक्रमण हटाने की प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए १६ मार्च से अतिक्रमण हटाने आम सूचना जारी की है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य शासन को परिवारों को विस्थापन किए जाने भी आदेशित किया है। मप्र में अभी राजनैतिक संकट है इसे देखते हुए फिलहाल १६ मार्च से अतिक्रमण हटना संभव नहीं लग रहा लेकिन अतिक्रमण हटेंगे यह तय है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से सभी बंधे है। इसके पहले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रभारी मंत्री, कलेक्टर से मिलकर बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर अतिक्रमण की कार्रवाई को विस्थापन तक आगे बढ़ाने की मांग भी रखी थी। आशियाने टूटने की खबर से ढाई सैकड़ा से अधिक परिवार पर रहने और रोजगार का संकट बढ़ गया है। परिवारों का कहना है कि उन्हें उजाडऩे से पहले वैकल्पिक व्यवस्था मिलना चाहिए ताकि परिवार बेरोजगार होने से बच सकें।
विस्थापन के लिए ३ करोड़ ११ लाख का प्रस्ताव भेजा
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में स्थानीय प्रशासन छावनी के अतिक्रमणकारियों को विस्थापित करने कोई अंतिम निर्णय नहीं ले पाया है। एसडीएम ने राजस्व दल के साथ सिमारा गांव में करीब साढ़े चार एकड़ भूमि को विस्थापन के लिए चिन्हित किया है। यह जमीन जंगल में है यहां बिजली, पानी, सड़क नहीं है वहीं पचमढ़ी से यह काफी दूर पिपरिया के नजदीक है। वित्तीय प्रस्ताव सड़क, बिजली पानी की कार्ययोजना पूर्ण करने भेजा गया है। बजट स्वीकृति के बाद यहां विकास निर्माण कार्य हो सकेंगे उसके बाद ही विस्थापित परिवारों को यह बसाना उचित होगा।
पचमढ़ी से मटकुली तक रखी विस्थापन की मांग
कांंग्रेस प्रतिनिधिमंडल एवं अतिक्रमण पीडि़तों ने पिछले दिनों प्रभारी मंत्री, कलेक्टर से मुलाकात कर पचमढ़ी से मटकुली के बीच भूमि चिन्हित कर विस्थापन की मांग रखी है। २८३ परिवार का कहना है कि शासन ने सिमारा के पास जो भूमि देखी है वह पिपरिया डोकरीखेड़ा के पास है यह पचमढ़ी से काफी दूर और जंगल क्षेत्र में आती है। घर टूटने के बाद नागरिकों को रोजगार की समस्या बनेगी मटकुली या पचमढ़ी के नजदीक बसने से उनके रोजगार और आवागमन की परेशानी कुछ कम होगी।
इनका कहना है
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में विस्थापन के लिए भूमि चिन्हांकन सहित सड़क, बिजली, पानी उपलब्ध कराने कार्ययोजना तैयार कर ३ करोड़ ११ लाख का प्रस्ताव भेजा है। मंजूरी मिलते ही मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, इसमें कुछ समय लगेगा।
मदन सिंह रघुवंशी, एसडीएम
छावनी अधिशासी अधिकारी के आदेश पर अतिक्रमण १६ मार्च से हटाने आम सूचना की मुनादी कराई गई है। अतिक्रमणकारियों की सूची तैयार हो रही है। फोर्स उपलब्ध होने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होगी।
आरपी आचार्य, उपयंत्री छावनी परिषद पचमढ़ी
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