बांध में बचा 201.05 एमसीएम पानी-
तवा बांध का जलस्तर मंगलवार को 1118 फीट दर्ज किया गया। वर्तमान में तवा बांध की नहरों से नर्मदापुरम (होशंगाबाद) और हरदा जिले को मूंग की सिंचाई के लिए 3736 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। 25 मार्च से 20 मई तक सिंचाई के लिए बांध से पानी देने का शेड्यूल तय है। फिलहाल बांध में 201.05 एमसीएम पानी बचा है।
तवा बांध का जलस्तर मंगलवार को 1118 फीट दर्ज किया गया। वर्तमान में तवा बांध की नहरों से नर्मदापुरम (होशंगाबाद) और हरदा जिले को मूंग की सिंचाई के लिए 3736 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। 25 मार्च से 20 मई तक सिंचाई के लिए बांध से पानी देने का शेड्यूल तय है। फिलहाल बांध में 201.05 एमसीएम पानी बचा है।
जानिए... तवा बांध के बारे में-
तवा परियोजना भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना है। इसके अंतर्गत नर्मदा की सहायक तवा नदी पर बांध बनाया गया। बांध 58 मीटर ऊंचा और 1815 मीटर लंबा है। बांध की अधिकतम ऊंचाई नींव की गहनतम सतह से 58 मीटर है। बांध एवं नहर का निर्माण वर्ष 1978 में पूर्ण हुआ था। इसकी संचयन क्षमता 1993 मिलियन घनमीटर है।
तवा परियोजना भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना है। इसके अंतर्गत नर्मदा की सहायक तवा नदी पर बांध बनाया गया। बांध 58 मीटर ऊंचा और 1815 मीटर लंबा है। बांध की अधिकतम ऊंचाई नींव की गहनतम सतह से 58 मीटर है। बांध एवं नहर का निर्माण वर्ष 1978 में पूर्ण हुआ था। इसकी संचयन क्षमता 1993 मिलियन घनमीटर है।
दो जिलों में होती है सिंचाई-
तवा बांध से हरदा तक मुख्य नहर 131 किमी और उसकी सहायक नहरें 1688 किमी का सर्वे करने के बाद नहरों का निर्माण कराया गया था। नहरों से दोनों जिले के तकरीबन तीन लाख हेक्टेयर भूमि में हर साल सिंचाई होती है। नहरों का स्वरूप साल दर साल बदलता जा रहा है। मिट्टी और नहरों के कटाव की वजह से अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता।
तवा बांध से हरदा तक मुख्य नहर 131 किमी और उसकी सहायक नहरें 1688 किमी का सर्वे करने के बाद नहरों का निर्माण कराया गया था। नहरों से दोनों जिले के तकरीबन तीन लाख हेक्टेयर भूमि में हर साल सिंचाई होती है। नहरों का स्वरूप साल दर साल बदलता जा रहा है। मिट्टी और नहरों के कटाव की वजह से अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता।
हर महीने बांध से हो रहा इतना वाष्पीकरण...
जनवरी - 0.4
फरवरी - 0.4
मार्च - 0.5
अपे्रल - 0.7
मई - 1.0
जून - 0.8
जुलाई - 0.3
अगस्त - 0.3
सितंबर - 0.4
अक्टूबर - 0.4
नवंबर - 0.4
दिसंबर - 0.4
(नोट : पानी फीट में।)
जनवरी - 0.4
फरवरी - 0.4
मार्च - 0.5
अपे्रल - 0.7
मई - 1.0
जून - 0.8
जुलाई - 0.3
अगस्त - 0.3
सितंबर - 0.4
अक्टूबर - 0.4
नवंबर - 0.4
दिसंबर - 0.4
(नोट : पानी फीट में।)
इनका कहना है...
वाष्पीकरण से तवा बांध का करीब छह फीट पानी भाप बनकर उड़ जाता है। बांध में 201 एमसीएम पानी बचा है। सिंचाई के बाद करीब 20 एमसीएम पानी रिजर्व रखेंगे। जिससे आर्डनेंस फैक्ट्री में पानी की पूर्ति की जा सके।
-एनके सूर्यवंशी, एसडीओ तवा बांध
वाष्पीकरण से तवा बांध का करीब छह फीट पानी भाप बनकर उड़ जाता है। बांध में 201 एमसीएम पानी बचा है। सिंचाई के बाद करीब 20 एमसीएम पानी रिजर्व रखेंगे। जिससे आर्डनेंस फैक्ट्री में पानी की पूर्ति की जा सके।
-एनके सूर्यवंशी, एसडीओ तवा बांध