अस्पताल की पर्ची पर दिखेगा मरीज का फोटो, डॉक्टर का चेहरा देखते ही लग जाएगी हाजिरी
होशंगाबाद. जिला अस्पताल में दो दिन बाद व्यवस्थाएं बदली-बदली नजर आएंगी। अस्पताल की पर्ची पर मरीज का फोटो होगा और डाक्टर एवं कर्मचारी के भवन में लगे सिस्टम के सामने आते ही उनकी हाजिरी लग जाएगी। पूरे भवन में 16 आधुनिक सीसीटीवी कैमरे व्यवस्थाओं पर नजर रखेंगे। यह सबके बाद भी रोगी कल्याण समिति को सालाना 15 लाख की बचत होगी। अस्पताल प्रबंधन ने नई व्यवस्थाओं के लिए विजन एडवाइजरी सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड कंपनी को ठेका दिया है। कंपनी 10 दिसंबर से व्यवस्थाएं लागू कर देगी। मरीजों को ओपीडी और आईपीडी की जो पर्ची मिलती थी, अब उस पर उसकी तस्वीर भी रहेगी। शुल्क भी पहले की तरह ही देना होगा। गरीबी रेखा वालों को निशुल्क मिलेगी। ई-अस्पताल प्रभारी डॉ. अखिलेश सिंगल बताते हैं कि नए सिस्टम के तहत पूरा अस्पताल किसी कोर्पोरेट अस्पताल कि तरह ही काम करेगा। नए ठेके साथ कई व्यवस्थाओं में बदलाव किया जाएगा।
ऐसे होगी बचत… पहले से कम पैसों में पड़ेगी ओपीडीजिला अस्पताल अभी ओपीडी और आईपीडी पर्ची का काम एनीमार्ट कंपनी देख रही थी। इसमें कंपनी को १.३५ लाख सॉफ्टवेयर का किराया और स्टेशनरी का खर्च अस्पताल प्रबंधन को उठाना पड़ रहा था। रोगी कल्याण समिति से हर माह इस पर लगभग दो लाख रुपए खर्च करती थी। रोजाना लगभग 700 मरीज अस्पताल में आते हैं। उनसे पांच रुपए प्रति ओपीडी पर्ची के लिए जाते हैं। इसमें गरीबी रेखा से नीचे वालों की निशुल्क पर्ची बनती है। सालाना करीब 24 लाख रुपए खर्च होते थे। लेकिन अब नई कंपनी प्रति ओपीडी पर्ची तीन रुपए साठ पैसे के हिसाब से राशि लेगी। साथ ही यह अन्य सुविधाएं मुफ्त में देगी। इस तरह उसे हर महीने 75 हजार 600 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। रोगी कल्याण समिति को हर महीने लगभग सवा लाख की बचत होगी, जो साल भर में 15 लाख तक हो जाएगी। कंपनी तीन साल तक यह सुविधा देगी लेकिन हर साल दस प्रतिशत सेवा शुल्क में वृद्धि करेगी।
सिस्टम लगाएगा उपस्थितिअस्पताल में हाजिरी भी नए तरीके से लगेगी। सॉफ्टवेयर पहले सभी अधिकृत व्यक्तियों की एक छवि को कैप्चर करेगा। जोकि डाटाबेस में जानकारी सहित संग्रहीत करेगा। अगली बार जब भी पंजीकृत व्यक्ति परिसर में प्रवेश करेगा तो सिस्टम स्वयं उसे पहचान कर उपस्थिति दर्ज कर देगा। जो ड्यूटी समय सिस्टम में दर्ज है,उससे देरी पर आने पर खुद चेतावनी जारी करेगा। सिस्टम खुद बता देगा कि आप कितनी देरी से अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे लोगों में समय से आने की आदत पड़ेगी।
लगेंगे १६ सीसीटीवी कैमरेअस्पताल में मॉनिटरिंग को बेहतर करने के लिए १६ नए सीसी टीवी कैमरे भी कंपनी लगाकर देगी। इससे मरीजों से लेकर आसामाजिक तत्वों तक पर निगरानी रखी जा सकेगी। वैसे १६ सीसीटीवी कैमरे पहले से ही लगे हैं। इनकी संख्या दोगुनी होने से मॉनिटरिंग बेहतर हो सकेगी। निजी हाथों में कमान जाने से भी व्यवस्थाओं में सुधार आएगा।
जन्म लेने के चंद मिनट में बनेगा आधारकार्ड जिला अस्पताल में जन्म लेने वाला बच्चा छह मिनट में भारतीय नागरिक के तौर पर दस्तावेजों में दर्ज हो जाएगा। इस व्यवस्था को जिला अस्पताल में १० दिसंबर के बाद से शुरु किया जा रहा है। इसमें जन्म के तुरंत बाद आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था की जा रही है। जन्म के समय बच्चे का नाम नहीं पर उसके नाम के स्थान पर उसका सरनेम लिखा जाएगा। इसकी व्यवस्था भी ई-अस्पताल के तहत लागू की जाएगी।
वार्ड में सुन सकेंगे मंत्र और संगीतजिला अस्पताल के सभी वार्डों में सूचनाओं के अदान-प्रदान के लिए सेंट्रालाइज एलाउंसमेंट सिस्टम लगाया जाएगा। जिससे वार्ड में सूचनाओं को कभी भी कही भी पहुंचाया जा सके। इतना ही नहीं सुबह के समय वार्ड में
ध्यान योग , मंत्र एवं संगीत को भी चलाया जा सकेगा। साथ ही अस्पताल के भीतर चलने वाले इंटरकॉम सिस्टम को भी चलाया जा सकेगा।
इनका कहना हैअस्पताल में नई व्यवस्थाएं १० दिसंबर से शुरू होने वाली हैं, इसे लेकर स्वीकृति भी मिल गई हैं। अस्पताल की व्यवस्थाओं को पहले से बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। जिनकी ओपीडी की पर्ची निशुल्क बनती है, उनके पैसे रोगी कल्याण समिति से दिए जाएंगे। – डॉ.
सुधीर डेहरिया, सीएस