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Christmas Church Hoshagabad/ 141 साल पहले अंग्रेज इंजीनियरों ने किया था इस चर्च का निर्माण, चर्च में नहीं है कोई फादर

locationहोशंगाबादPublished: Dec 12, 2019 11:22:12 am

Submitted by:

poonam soni

नर्मदा पुल के निर्माण के साथ ही बनाया इसे भी, मिट्टी और पत्थर से बनाकर किया तैयार

141 साल पहले अंग्रेज इंजीनियरों ने किया था इस चर्च का निर्माण, चर्च में नही है कोई फादर

141 साल पहले अंग्रेज इंजीनियरों ने किया था इस चर्च का निर्माण, चर्च में नही है कोई फादर

Christmas Church Hoshagabad Bhopal 2019। क्रिसमस को कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। हर कोई प्रभु यीशु का जन्मदिन अपने तरीके से मनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। होशंगाबाद शहर में कहीं तो घर में भगवान यीशु की गौशाला बनाई जा रही है तो कहीं गिरजाघरो में। शहर में पुराने गिराजाघर की रंग बिरंगी लाईटो से सजकर तैयार हो गए हैं। आज हम आपको हम शहर के ऐसे चर्च से रूबरू कराते है जो 14१ साल पुराना है। जुम्मेराती स्थित फ्रेंड्स क्वेकर्स ये अपने आप में ही खास हैं। ये शहर का सबसे पुराना चर्च होने के साथ ही अगं्रेज इंजीनियर द्वारा पत्थर और मिट्टी से बनाया था। इसकी स्थापना 1878 में चाल्र्स फ्रॉक्स जॉर्ज ने की थी। इतना ही नहीं शहर में बाढ़ आने पर भी ये चर्च डिगा भी नहीं, बाढ़ भी इस चर्च का बाल विवाका नही कर पाई।
नर्मदा पुल बनाने आए थे अंग्रेज
अंग्रेज नर्मदा पुल बनाने यहां आए थे, तब शहर में कोई चर्च नहीं था। तब उन्होंने इसका निर्माण किया। आज भी चर्च में उसी जमाने की कुर्सियां हैं। जिन पर बैठकर प्रभु यीशु गीत गाए जाते हैं। चर्च की सदस्य ऊषा सैम्युअल अब इसका संचालन करती हैं, उनसे पहले उनकी मां यह जिम्मेदारी संभालती थी। ऊषा बताती हैं, फ्रेंड्स चर्च परंपरा में पास्टर या फादर नही होते। यहां स्वप्रेरणा से सदस्य ही प्रार्थना करवाते हैं। इसके साथ ही सदर बाजार स्थित सेंट जॉर्ज चर्च का भी निर्माण कराया गया था। क्रिसमस पर चर्च सजकर तैयार हो चुके हैं। आकर्षिक लाइटिंग की गई है।
आज भी 141 साल पुरानी चर्च यहां मौजूद
फ्रेंड्स क्वेकर्स चर्च को संचालित करने वाली उषा सैम्युअल अब इसे संचालित करती है। इसके पहले उनकी मदर मेग्लीन इसे चर्च को संचालित करती हैं। उनके बुजुर्ग होने के बाद उषा सेम्युअल इसे संचालित करती हैं। इन्होने बताया कि फ्रेंडस चर्च परंपरा में पास्टर फादर नहीं होते। यहां स्वप्रेरणा से चर्च के सदस्य ही प्रार्थना करवाते हैं। मिस उषा पारेख ने बताया कि चर्च शहर का सबसे प्राचीन और पहला, पुराना चर्च है। इसमें अभी 14१ साल पुरानी अग्रेंजो के जमाने की चर्च रखी हुई है जिनपर लोग बैठकर प्रभु यीशु को याद करते हैं।
प्रभु यीशु का प्रतीक माना जाता है स्टार
क्रिसमस की साज सज्जा में मुख्य हिस्सा होता है स्टार। हर सदस्य के घर में स्टार लगाकर डेकोरेट किया जाता है। पास्टर जेम्स चेरियन ने बताया कि ज्योतिषियों ने तारे देखकर ही बताया था कि परमात्मा यीशु का जन्म होने वाला है। इसीलिए स्टार का खास महत्व हैं। यह यीशु के आगमन का प्रतीक और शुभ चिन्ह माना जाता हैं।
बच्चों ने सांताक्लॉज की आने के इंतजार में घरों में सजेंगे क्रिसमस ट्री
सैम्युअल परिवार की आशी शर्मा और उनके छोटे भाई क्षितिज शर्मा ने अपने घर में क्रिसमस पर सांताक्लॉज के आने की खुशी में क्रिसमस ट्री और चरनी बना कर तैयार करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
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