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किसानों का चने की फसल से मोह भंग, बढ़ा गेहूं का रकबा

locationहोशंगाबादPublished: Mar 14, 2020 07:28:32 pm

Submitted by:

poonam soni

संभाग के किसानों में चने की फसल के प्रति तेजी से मोहभंग हो रहा है। इसका कारण चने की बढ़ती लागत और इसमें इल्ली लगना है।

किसानों का चने की फसल से मोह भंग, बढ़ा गेहूं का रकबा

किसानों का चने की फसल से मोह भंग, बढ़ा गेहूं का रकबा

होशंगाबाद. संभाग के किसानों में चने की फसल के प्रति तेजी से मोहभंग हो रहा है। इसका कारण चने की बढ़ती लागत और इसमें इल्ली लगना है। इस बार रवि सीजन में संभाग में 728.54 हजार हेक्टेयर में बोवनी हुई है। जिसमें 76.33 हजार हेक्टेयर में चने की बोबनी हुई है। दरअसल गेहूं की फसल में कोई बीमारी नहीं लगने के कारण किसान तरफ रुझान कर रहे हैं। पिछली बार चने की बोवनी 1,55,870 हेक्टेयर भूमि पर की गई थी। जो इस बार सिमट कर महज 84500 हेक्टेयर भूमि पर ही रह गई।
गेहूं में इसलिए बढ़ा रूझान
होशंगाबाद ब्लॉक धान उत्पाद के लिए जाना जाता है। इसके बाद किसान सबसे अधिक गेहूं उत्पादन करते हैं। इसमें कोई बीमारी भी नहीं लगती इसलिए किसान इस तरफ रूझान कर रहे हैं। होशंगाबाद के साथ ही रायसेन और नरसिंहपुर में भी किसानों का रूझान गेहूं तरफ बढ़ रहा है।
गेहूं का उत्पादन
42 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
वर्ष 2018-19 होशंगाबाद
पूर्ति लक्ष्य
गेंहू – 190870 – 261000
चना – 53670 -50000

वर्ष 2018-19 हरदा
गेहूं – 102000 – 140000
चना – 35000 – 62000

वर्ष 2018-19 बैतूल
गेहूं – 68000 – 113530
चना – 35000 – 62000
वर्ष 2019-20 होशंगाबाद
पूर्ति लक्ष्य
गेंहू – 309540 – 298520
चना – 15100 -25700

वर्ष 2019-20 हरदा
गेहूं – 167000 – 160000
चना – 18000 – 25000

वर्ष 2019-20 बैतूल
गेहूं – 252000 – 180000
चना – 51400 – 60000
(सभी ईकाई हेक्टेयर में हैं)
इनका कहना है
किसानों ने पूर्व में खेतों में चने की बोवनी की शुरूआत की थी। लेकिन इल्ली के प्रकोप और दवाओं के अधिक उपयोग के कारण खेती में लागत बढ़ी। जिसके बाद किसान गेहूं की तरफ जाने लगा।
– पप्पू मीना, कृषक फेफरताल होशंगाबाद
सीजन की सबसे सुरक्षित फसल गेहूं है, इसके कारण किसानों में गेहूं को लेक रूझान बढ़ा है। हमारे यहां उत्पादन भी बढ़ोत्तरी है। हमने भी इस बार प्रति हेक्टेयर 50 क्विंटल की खरीदी के लिए प्रस्ताव भेजा है।
– जितेंद्र सिंह, संयुक्त संचालक कृषि नर्मदापुरम्
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