सरकारी वेयरहाउसों में अब भी ७.५ लाख मीट्रिक टन गेहूं भरा है। जिसका एफसीआई उठाव नहीं कर रही है। एेसे में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में भंडारण का संकट खड़ा हो गया है। नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों के मुताबिक भंडारण के लिए बानापुरा, बाबई, पिपरिया में डेढ़ लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बनाए जा रहे हैं। जिनका काम अगले एक महीने में पूरा होने वाला है। जिससे भंडारण में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष रबी सीजन में १३ लाख मीट्रिक टन गेहूं वेयरहाउसों में रखा गया था। जिसके बाद अब तक एफसीआई ने सिर्फ साढ़े पांच लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठाव किया है। इसी वजह से गोदाम भरे पड़े हैं।
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कोलकाता से आ रहे बारदाने- समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए बारदाने कोलकाता से आ रहे हैं। जिले में ११ लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य है। इसके लिए ४२ हजार बारदानों के गठान की मांग की गई है। जिसमें से अब तक तीन रैक में १२ हजार गठान बारदाने आ चुके हैं।
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मांगी १९० एकड़ जमीन- खाद्य विभाग ने १ लाख २४ हजार मीट्रिक टन उपज रखने के लिए राजस्व विभाग से १९० एकड़ जमीन की मांग की है। विभाग के पास करीब ८ लाख मीट्रिक टन उपज रखने की व्यवस्था है, लेकिन इससे ज्यादा की खरीदी पर कैप बनाने पड़ेंगे। जिसके लिए जमीन मांगी गई है।
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इनका कहना है…
वेयरहाउसों से एफसीआई ने बहुत कम उठाव किया है। इसी वजह से गोदामों में अनाज भरा हुआ है। नए गोदाम बन रहे हैं। इसके लिए कैप बनाकर भंडारण करने की योजना है।
-दिलीप सक्सेना, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम