इसके बाद आवागमन सुचारू हो पाया। वहीं सारनी से छिंदवाड़ा जिले की ओर पहाड़ी क्षेत्रों में रात व सुबह के समय हुई तेज बारिश के बाद गुरुवार राजडोह नदी में 11 बजे के आसपस बाढ़ आ गई। बाढ़ के चलते 2 घंटे तक नाव चालन बंद रहा। दोपहर 1 बजे के बाद ग्रामीणों की भीड़ को देखते हुए नाव चालन शुरू हुआ। हालांकि नदी में बहाव इतना तेज था कि नाव बहाव वाले क्षेत्र में 100 मीटर से ज्यादा दूरी तक जा पहुँची।
अनुभवी नाविक होने की वजह से ग्रामीणों को समय रहते नदी पार करा दिया गया। दरअसल नदी के दोनों छोर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होने पर नाव चालन शुरू किया गया था। इधर नदी पर बन रहे पुल की मिट्टी भी बाढ़ बहा ले गई। वहीँ पुल निर्माण के लिए किया गया भराव के एक रपटे पर पानी चढ़ गया। तवा नदी में बाढ़ के बाद सतपुड़ा जलाशय का लेवल भी बढ़ गया। डैम के गेटों के ऊपर से पानी छलकने पर दोपहर 2 बजे सतपुड़ा डैम का एक गेट एक फ़ीट की ऊंचाई पर खोलकर जलस्तर बराबर किया जा रहा है। फिलहाल एक गेट से 1लगभग एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
ठंड में पहली बार इतनी बारिश
ग्रामीणों का कहना है कि ठंड में जनवरी माह में पहली बार ऐसा हुआ है कि तेज बारिश हुई हो और बाढ़ जैसे हालात बने हैं। इतना ही नहीं सतपुडा जलाशय में पानी का लेवल बढऩे की वजह से यहां का एक गेट खोला गया।