बुलाना नहीं बुलाना उनकी मर्जी की बात- सरताज सिंह
पुल के लोकार्पण कार्यक्रम में आमंत्रित न किए जाने को लेकर जब पत्रिका प्रतिनिधि ने सरताज सिंह से चर्चा की तो उनका कहना था कि वे कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे न ही उन्हें आमंत्रण नहीं मिला था। बुलाना नहीं बुलाना उनकी मर्जी की बात है। संगठन स्तर पर मैं क्यों बात करूं, मुझे क्या पड़ी है बात करने की। विधायक वगैरह हैं न जिन्होंने आमंत्रण दिया है और सीएम को बुलाकर लाए हैं। हालांकि सरताज सिंह ने विधायक पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए ये तो कहा कि विधायक और कलेक्टर दोनों में से किसी की जिम्मेदारी तो बनती है न ?
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क्या पार्टी छोड़ने की मिल रही ‘सजा’ ?
बता दें कि सरताज सिंह जिले व प्रदेश में पार्टी व कार्यकर्ताओं के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ नेता के रूप में जाने जाते हैं। वह सिवनीमालवा से लंबे समय तक विधायक व पिछली सरकारों में वन एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री भी रह चुके हैं। 5 बार के सांसद एवं दो बार के विधायक के रूप में भी लंबे समय तक काम कर चुके हैं, लेकिन बीच में वह पिछले विधानसभा चुनाव में टिकिट नहीं मिलने से नाराजगी के चलते उन्होंने पार्टी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी और होशंगाबाद से चुनाव लड़ा था, जिसमें वह भाजपा प्रत्याशी वर्तमान विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा से चुनाव हार गए थे। बाद में उनकी पुन: भाजपा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में मंचीय कार्यक्रम में वापसी हो गई थी, लेकिन पहले जैसा सम्मान उन्हें नहीं मिल पा रहा है। पुल के लोकार्पण कार्यक्रम में भी उन्हें आमंत्रण नहीं देना व नहीं बुलाना भी राजनैतिक हलके में इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
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