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दबंगों का कारनामा, पंचायत के नाम से कर दिया अरबों रूपए का अवैध उत्खनन

locationहोशंगाबादPublished: May 18, 2018 02:16:14 pm

Submitted by:

poonam soni

अवैध खदान पर मिला 1500 डंपर रेत का ढेर, दल ने पूछा तो खनिज अधिकारी बोले- हमें नहीं पता किसकी है रेत

sand mine

अवैध खदान पर मिला 1500 डंपर रेत का ढेर

होशंगाबाद. एनजीटी के निर्देश पर गुरुवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और खनिज विभाग के संयुक्त दल ने होशंगाबाद में चल रही रेत खदानों का निरीक्षण किया। दल को एक अवैध खदान के स्टाक पर लगभग 1500 डंपर रेत का अवैध भंडारण मिला। इस पर दल ने खनिज विभाग से पूछा तो उनका कहना था, हमें नहीं पता। यही बात वहां उत्खनन कर रहे मजदूरों ने दोहराई। सरपंच ने कहा कि यह दबंग लोग हैं, जो हमारी पंचायत खदान की रायल्टी काटकर अवैध खदान चला रहे हैं। टीम निरीक्षण के बाद शाम को लौट गई। वह अपनी रिपोर्ट 21 मई को एनजीटी को सौंपेगी। अवैध उत्खनन पर कार्रवाई होती है तो लगभग 320 करोड़ का जुर्माना लगेगा।
रेत खदान का संचालन कर रही शिवम इंटरप्राइजेज कंपनी ने एनजीटी में पंचायत की खदान के नाम से अवैध रेत उत्खनन की एनजीटी में शिकायत की थी। एनजीटी ने याचिका में दिए गए तथ्यों को देखते हुए 10 मई को संयुक्त दल बनाकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। इस पर गुरुवार को केंद्र व राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यपालन यंत्री आरआर सेंगर और ब्रजेश शर्मा ने जिला खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला और खनिज निरीक्षक संतोष सूर्यवंशी के साथ खदानों का निरीक्षण किया। उन्हें धानाबड़ में अवैध खदान संचालित होते मिली। जहां भारी मात्रा में रेत का अवैध भंडारण भी किया गया था।

दबंगों ने पंचायत के नाम से कर दिया 320 करोड़ का अवैध उत्खनन, सरपंच बेखबर
सरपंच ने कहा- पंचायत के नाम से रायल्टी काटकर कर रहे अवैध उत्खनन
पूर्व विधायक के बेटे और डिजियाना कंपनी पर लगाया अवैध उत्खनन का आरोप
जब खनिज अफसर झांकने लगे बगले
दल धनाबड़ की रेत खदान पर पहुंचा। यहां मजदूर उत्खनन कर रहे थे। उनसे पूछा किसकी खदान एवं स्टाक है, तो वे बोले-हमें नहीं पता। यही सवाल जिला खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला से किया तो वे खनिज निरीक्षक सूर्यवंशी से बोले-बताओ किसकी है। सूर्यवंशी ने कहा- हमें नहीं पता किसने रेत इक_ा की। सरपंच कमलेश कीर ने कहा-दबंगों की है। उन्होंने आरोप लगाया कि डिजियाना कंपनी और वैभव शर्मा (पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा का पुत्र) पंचायत के नाम से अवैध उत्खनन कर रहे हैं। टीम ने पूछा कि पंचायत को मानिटरिंग के लिए दो लोग मिले होंगे, इस पर उसका कहना था- कोई नहीं मिला। हमें जानकारी नहीं है। अवैध रेत परिवहन करने वाली पंचायत की रायल्टी बताकर निकल जाते हैं। रेत कहां से ले गए, हमें खबर नहीं रहती।
यह है मामला : चपलासर ग्राम पंचायत को पीलीकरार, चपलासर और बालाभेट में रेत खदान आवंटित हुई हैं। लेकिन इसके नाम से धनाबड़ में अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है। जहां से उन्हें रास्ते की मंजूरी मिली वह आबादी वाला क्षेत्र है। जबकि नियमानुसार आबादी क्षेत्र से परिवहन नहीं हो सकता। इस कारण वह बांद्राभान रोड से परिवहन करा रहे हैं। पीसीबी के अधिकारियों ने रायल्टी की राशि से नर्मदा के किनारे एप्रोच रोड बनाने की सलाह दी।
&रेत के अवैध उत्खनन की शिकायत हुई है। मामले की जांच के लिए आए हैं। मामला कोर्ट में है इसलिए इस पर कुछ बता नहीं सकते हैं।
आरआर सेंगर, ईई, एमपीपीसीबी

पहले भटकाया, फिर फंसाया
खनिज विभाग और उनकी मिलीभगत से अवैध रेत कारोबार करने वालों ने एनजीटी के दल को गुमराह करने का भी भरसक प्रयास किया। पहले उन्हें उस अवैध खदान धनाबड़ से दो किलोमीटर आगे शिकायतकर्ता की खदान पर लेकर गए। वहां उल्टे शिकायतकर्ता से जवाब-सवाल करने लगे। जब उसने कहा कि हमनें ही याचिका दायर की है, आप हमसे ही उल्टे पूछताछ कर रहे हैं। तब दो किलोमीटर वापस आकर खदान का निरीक्षण किया। इससे पहले रास्ते में एक भाजपा नेता द्वारा कथित रूप से गाड़ी फंसाकर दल आगे जाने में रूकावट डाली गई। पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को धक्का देकर रास्ता खाली कराया। इसके बाद रास्ते का निरीक्षण किया जहां से अवैध परिवहन हो रहा था। जबकि वहां से रेत ले जाने की अनुमति ही नहीं थी। जब दल पीलीकरार रेत खदान पहुंचा तो वहां मौजूद मजदूर भाग खड़े हुए। निरीक्षण के दौरान ही अचानक खनिज अधिकारी का पैर तार में उलझ गया, जिससे उन्हें चोट लग गई। उन्हें गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद दल वापस आ गया।

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