सरपंच ने कहा- पंचायत के नाम से रायल्टी काटकर कर रहे अवैध उत्खनन
पूर्व विधायक के बेटे और डिजियाना कंपनी पर लगाया अवैध उत्खनन का आरोप
जब खनिज अफसर झांकने लगे बगले
दल धनाबड़ की रेत खदान पर पहुंचा। यहां मजदूर उत्खनन कर रहे थे। उनसे पूछा किसकी खदान एवं स्टाक है, तो वे बोले-हमें नहीं पता। यही सवाल जिला खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला से किया तो वे खनिज निरीक्षक सूर्यवंशी से बोले-बताओ किसकी है। सूर्यवंशी ने कहा- हमें नहीं पता किसने रेत इक_ा की। सरपंच कमलेश कीर ने कहा-दबंगों की है। उन्होंने आरोप लगाया कि डिजियाना कंपनी और वैभव शर्मा (पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा का पुत्र) पंचायत के नाम से अवैध उत्खनन कर रहे हैं। टीम ने पूछा कि पंचायत को मानिटरिंग के लिए दो लोग मिले होंगे, इस पर उसका कहना था- कोई नहीं मिला। हमें जानकारी नहीं है। अवैध रेत परिवहन करने वाली पंचायत की रायल्टी बताकर निकल जाते हैं। रेत कहां से ले गए, हमें खबर नहीं रहती।
यह है मामला : चपलासर ग्राम पंचायत को पीलीकरार, चपलासर और बालाभेट में रेत खदान आवंटित हुई हैं। लेकिन इसके नाम से धनाबड़ में अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है। जहां से उन्हें रास्ते की मंजूरी मिली वह आबादी वाला क्षेत्र है। जबकि नियमानुसार आबादी क्षेत्र से परिवहन नहीं हो सकता। इस कारण वह बांद्राभान रोड से परिवहन करा रहे हैं। पीसीबी के अधिकारियों ने रायल्टी की राशि से नर्मदा के किनारे एप्रोच रोड बनाने की सलाह दी।
&रेत के अवैध उत्खनन की शिकायत हुई है। मामले की जांच के लिए आए हैं। मामला कोर्ट में है इसलिए इस पर कुछ बता नहीं सकते हैं।
आरआर सेंगर, ईई, एमपीपीसीबी
खनिज विभाग और उनकी मिलीभगत से अवैध रेत कारोबार करने वालों ने एनजीटी के दल को गुमराह करने का भी भरसक प्रयास किया। पहले उन्हें उस अवैध खदान धनाबड़ से दो किलोमीटर आगे शिकायतकर्ता की खदान पर लेकर गए। वहां उल्टे शिकायतकर्ता से जवाब-सवाल करने लगे। जब उसने कहा कि हमनें ही याचिका दायर की है, आप हमसे ही उल्टे पूछताछ कर रहे हैं। तब दो किलोमीटर वापस आकर खदान का निरीक्षण किया। इससे पहले रास्ते में एक भाजपा नेता द्वारा कथित रूप से गाड़ी फंसाकर दल आगे जाने में रूकावट डाली गई। पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को धक्का देकर रास्ता खाली कराया। इसके बाद रास्ते का निरीक्षण किया जहां से अवैध परिवहन हो रहा था। जबकि वहां से रेत ले जाने की अनुमति ही नहीं थी। जब दल पीलीकरार रेत खदान पहुंचा तो वहां मौजूद मजदूर भाग खड़े हुए। निरीक्षण के दौरान ही अचानक खनिज अधिकारी का पैर तार में उलझ गया, जिससे उन्हें चोट लग गई। उन्हें गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद दल वापस आ गया।