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एक करोड़ का फंड आया लेकिन स्थानांतरण न होने से अटका न्यू राइखेड़ा गांव का विकास

locationहोशंगाबादPublished: Sep 17, 2018 11:41:12 pm

Submitted by:

pradeep sahu

आंजनढाना ग्राम पंचायत से डेढ़ हजार परिवार हुए विस्थापित

Fund of one crore came but the development in piprya

आंजनढाना ग्राम पंचायत से डेढ़ हजार परिवार हुए विस्थापित

पिपरिया. आंजनढाना ग्राम पंचायत विकास के लिए जिला पंचायत से एक करोड़ का फंड जारी हुआ लेकिन विस्थापन नीति के तहत फंड का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र से करीब १५ सौ परिवार पिपरिया के पास न्यू राईखेडा में बस गए हैं, लेकिन यह गांव मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है।
आंजनढाना ग्राम पंचायत के विकास निर्माण के लिए शासन ने एक करोड़ का फंड जारी किया है, लेकिन फंड का उपयोग नही हो पा रहा है। ग्राम पंचायत आंजनढाना के नाम से एक करोड़ की राशि है इसे दूसरे स्थापन पर खर्च किए जाने में प्रशासनिक दिक्कत आ रही है। आंजनढाना से विस्थापित हुए परिवार पिपरिया के पास स्थित न्यू राईखेडा में निवास करने लगा है जबकि फंड आंजनढाना ग्राम पंचायत विकास के लिए है। प्रशासनिक व्यवस्था के तहत यह फंड न्यूराईखेडा के विकास के लिए मद परिवर्तन होना है लेकिन यह आज तक नहीं हो पाया है। सोमवार को जनपद अध्यक्ष अर्चना अनिल साहू ने सदस्यों के साथ एसडीएम को आंजनढाना में ग्राम विकास के लिए जमा एक करोड़ फंड की राशि को न्यू राईखेड़ा एवं अन्य विस्थापित परिवारों की बस्ती में खर्च करने की मांग रखी। एसडीएम ने सीइओ आरएन गुप्ता को तलब कर फंड ट्रांसफर प्रक्रिया प्रारंंभ करने निर्देशित किया है।
बैठक बुलाकर लिया जाए प्रस्ताव- आंजनढाना ग्राम पंचायम का एक करोड़ का फंड विस्थापित गांव के विकास के लिए खर्च करने कलेकटर, जिपं सीइओ के माध्यम से कराए जाने एसडीएम ने सीइओ को जनपद की मीटिंग लेकर प्रस्ताव पास करने के लिए कहा है। प्रस्ताव पास होते ही कलेक्टर स्तर पर आंजनढाना में एक साल से जमा एक करोड़ की राशि से विस्थापित गांव में प्राथमिकता के आधार पर विकास निर्माण हो सकेंगे।
फंड होने के बाद मूलभूत सुविधाए नहीं- आंजनढाना ग्राम पंचायत खाते में एक करोड़ की राशि पिछले एक साल से जमा है, लेकिन विस्थापन की वजह से नए गांव में यह राशि विकास निर्माण पर खर्च नहीं हो पा रही। न्यूराईखेड़ा सहित अन्य विस्थापित गांव में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, आंगनबाड़ी आदि की सुविधाएं नहीं होने से गरीब आदिवासी परिवार परेशान हैं।
ये गांव हुए एसटीआर से विस्थापित- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के राजस्व और वन राजस्व ग्राम रोरीघाट, बिनौरा, कांजीघाट, खामखेड़ी, बदकछार, घोघरी, मुआर, जामनढोगा, मोगरा शामिल हैं। वन ग्राम पर्रासपानी, नानकोट, नयाखेड़ा, धार गांव, आंजनढाना से आदिवासी प्रत्येक परिवारिक इकाइ को दस लाख सहायता राशि देकर वन क्षेत्र से बाहर किया है।
भूमि क्रय कर यहां बसे विस्थापित- जंगल क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद आदिवासी परिवार पिपरिया से सटे न्यूराइखेड़ा, मुहारी कलॉ, आमादेय, रैयतबाड़ी, बारीदेवी में बसे हैं। इन ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं की कमी है।

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