सर्चिंग में एक दर्जन ट्रैक्टर-ट्रॉली अवैध खनन और परिवहन करते मिले
होशंगाबाद. जिला खनिज विभाग की टीम ने शनिवार दोपहर को आधा दर्जन बंद खदानों व तवा तटों पर छापामार कार्रवाही की। बारिश के बीच हुई इस सर्चिंग में मेहराघाट पर एक दर्जन ट्रैक्टर-ट्रॉलियां से रेत का अवैध खनन और परिवहन मिला। हलांकि इनमें ही एक ही ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिस जब्त कर सकी। वह भी बिना नंबर की। बाकी वाहन चालक तवा नदी में पानी होने से होरियापीपर की तरफ भाग गए। जब्त वाहन को खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला खुद चलाकर बाबई थाना लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि सर्चिंग में पवारखेड़ा से 250 घनमीटर का अवैध स्टॉक भी जब्त किया है। फरार चालकों व उनके वाहनों की तलाश जारी है। शुक्ला ने बताया कि बारिश का सीजन समाप्ति होने पर जिले में 1 अक्टूबर से रेत खदानें फिर से चालू हो रही हैं। एनजीटी की रोक भी हट जाएगी। इसके पहले जिले में ठेकेदारों की 22 रेत खदानों एवं पंचायतों की 16 खदानों का सीमांकन एवं उपलब्ध रेत की मात्रा का आंकलन होना है। यह कार्य पटवारियों के माध्यम से सोमवार से शुरू होगा। सीमांकन उपरांत खदानों की सीमाओं पर सीमेंट के पोल लगाकर इन्हें सुरक्षित करेंगे। ठेकेदार व पंचायतें अपनी खदान की सीमा के अंदर ही खनन व परिवहन कर सकेंगी।
होशंगाबाद. जिला खनिज विभाग की टीम ने शनिवार दोपहर को आधा दर्जन बंद खदानों व तवा तटों पर छापामार कार्रवाही की। बारिश के बीच हुई इस सर्चिंग में मेहराघाट पर एक दर्जन ट्रैक्टर-ट्रॉलियां से रेत का अवैध खनन और परिवहन मिला। हलांकि इनमें ही एक ही ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिस जब्त कर सकी। वह भी बिना नंबर की। बाकी वाहन चालक तवा नदी में पानी होने से होरियापीपर की तरफ भाग गए। जब्त वाहन को खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला खुद चलाकर बाबई थाना लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि सर्चिंग में पवारखेड़ा से 250 घनमीटर का अवैध स्टॉक भी जब्त किया है। फरार चालकों व उनके वाहनों की तलाश जारी है। शुक्ला ने बताया कि बारिश का सीजन समाप्ति होने पर जिले में 1 अक्टूबर से रेत खदानें फिर से चालू हो रही हैं। एनजीटी की रोक भी हट जाएगी। इसके पहले जिले में ठेकेदारों की 22 रेत खदानों एवं पंचायतों की 16 खदानों का सीमांकन एवं उपलब्ध रेत की मात्रा का आंकलन होना है। यह कार्य पटवारियों के माध्यम से सोमवार से शुरू होगा। सीमांकन उपरांत खदानों की सीमाओं पर सीमेंट के पोल लगाकर इन्हें सुरक्षित करेंगे। ठेकेदार व पंचायतें अपनी खदान की सीमा के अंदर ही खनन व परिवहन कर सकेंगी।