निशक्त बच्चों को माना अपनी संतान : वे भविष्य निशक्त विद्यालय के बच्चों की देखरेख कर उन्हे शिक्षित कर रही हैं। संस्था के करीब 50 बच्चों को अपनी संतान मानकर पाल रही हैं। उन्होंने बताया कि संस्था में गणेशजी के विराजमान कर उत्सव मनाया जाता है। आफरोज ही भोग तैयार करती हैं।
प्रतिमाओं की प्रदर्शनी की तैयारी
गणेश चतुर्थी के लिए प्रतिमाएं बनकर तैयार हैं। इनको लोगों तक पहुंचाने के लिए भविष्य निशक्त संस्था के सदस्यों द्वारा प्रदर्शनी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी विवेकानंद घाट, बीआइपी रोड, कोठी बाजार, भविष्य निशक्त स्कूल में 12 से 13 सितंबर तक लगाई जाएगी। इन प्रतिमाओं की खासियत यह कि इनको पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए औषधि बीज, हर्बल कलर, अनाज के दाने, जलेवी, इमरती, मैदा व मिठाई के रंग का उपयोग कर बनाया जाता है। जो पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के साथ साथ उन्हे विसर्जित करने पर मछलीयों का आहार बनते हैं।
गणेश चतुर्थी के लिए प्रतिमाएं बनकर तैयार हैं। इनको लोगों तक पहुंचाने के लिए भविष्य निशक्त संस्था के सदस्यों द्वारा प्रदर्शनी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी विवेकानंद घाट, बीआइपी रोड, कोठी बाजार, भविष्य निशक्त स्कूल में 12 से 13 सितंबर तक लगाई जाएगी। इन प्रतिमाओं की खासियत यह कि इनको पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए औषधि बीज, हर्बल कलर, अनाज के दाने, जलेवी, इमरती, मैदा व मिठाई के रंग का उपयोग कर बनाया जाता है। जो पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के साथ साथ उन्हे विसर्जित करने पर मछलीयों का आहार बनते हैं।