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सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में के लिए खुशखबरी, बढ़ेगा बघों का कुनबा

locationहोशंगाबादPublished: Nov 18, 2019 12:19:15 pm

Submitted by:

sandeep nayak

आएंगे दो नए बाघ, तीन माह में पूरी कराएंगे बाघों की शिफ्टिंग

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में के लिए खुशखबरी, बढ़ेगा बघों का कुनबा

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में के लिए खुशखबरी, बढ़ेगा बघों का कुनबा

अमित शर्मा.होशंगाबाद/ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व आने वाले कुछ दिनों में टाइगर दर्शन के लिए पूरे देश में बांधवगढ़ की तरह ही मशहूर हो जाएगा। अभी एसटीआर में बाघों की संख्या करीब ५५ है, आने वाले तीन माह के भीतर एटीआर के जंगलों में दो बाघों और एक बाघिन को छोडऩे के लिए ब्लू प्रिंट पर काम चल रहा है। दरअसल, बांधवगढ़ में करीब 110 बाघों की मौजूदगी बताई जाती है, जिसके कारण वहां पर बाघों के बीच वर्चस्व की लड़ाई की संभावनाएं काफी बढ़ी है। जिसके बाद वहां से 14 बाघों को देश के अलग-अलग टाइगर रिजर्व को देने के लिए नया प्लान तैयार किया गया। जिसमें से दो एसटीआर के के हिस्सों में आए हैं।
इसलिए बांधवगढ़ से शिफ्ट कर रहे टाइगर
बांधवगढ़ में टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1536 वर्ग किमी है, जिसमे बाघों के लिए सघन कोर जंगल महज 694 वर्ग किमी बताया जाता है। इसमें बांकी का हिस्सा बफर जोन का है जहां सैकड़ों गांव आबाद है। जिसके चलते वन्य जीव और मानव द्वंद एक बडी बड़ी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आया है। टाइगर रिजर्व में पिछले दस सालों में 46 बाघों की मौत हुई है। वहीं अब बाघों की संख्या 110 है। एेसे में टैरोटिरि फाइट को घटाने के लिए बाघों को शिफ्ट किया जा रहा है।
बाघिन को भी एसटीआर में करेंगे शिफ्ट
बाड़ी रैंज से रेस्क्यू कर लाई गई बाघिन को बीमारी के कारण वन विहार में शिफ्ट किया गया था। एेसे में अब बाघिन पहले की तरह ही स्वस्थ्य होने लगी है। एेसे में बाघिन को जल्द ही एसटीआर शिफ्ट कराने के प्रयास एसटीआर से शुरू कर दिए गए हैं। अभी एसटीआर के अधिकारियों ने लगातार बाघिन के स्वास्थ्य को लेकर लगातार अपडेट ले रहे हैं।
यहां पर भेजे जाएंगे बाघ
बाघ पुर्नस्थापना परियोजना के तहत बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से पन्ना टाइगर रिजर्व में एक, संजय टाइगर रिजर्व में एक, सतपुडा टाइगर रिजर्व में दो, नौरादेही अभ्यारण में एक, वन विहार भोपाल में चार बाघों को पुनस्र्थापित कर बाघों की संख्या बढाने का काम करने की तैयारियों में है। इसके अतिरिक्त ५ बाघों को अलग-अलग स्थानों में भेजा जाएगा।
प्रोटोकॉल के लिए प्रक्रिया की गई
अगले तीन माह में दो बाघों को बांधवगढ़ से शिफ्ट करने की पूरी योजना तैयार है। इसके लिए प्रोटोकॉल के लिए प्रक्रिया कर दी गई है। जिसके तहत बाघों का स्वास्थ्य परिक्षण सहित अन्य गतिविधियों को कुछ समय मॉनिटरिंग में रखा जाएगा। एसटीआर के अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद कॉलर की व्यवस्था कर पूरी देख रेख में बाघों को एसटीआर के जंगलों में छोड़ा जाएगा। वहीं बाड़ी में रेस्क्यू की गई बाघिन की स्वास्थ्य को लेकर भी एसटीआर के अधिकारियों ने नजर रखी हुई है। वो भी एसटीआर ही आएगी, जिससे बाघों का कुनवा बढ़ सके।
इनका कहना है
अभी दो टाइगरों के लिए प्रोटोकॉल पूरा करने के लिए प्रक्रिया कर दी गई है। दिसंबर तक दोनों बाघों को शिफ्ट करा दिया जाएगा। अधिक से अधिक समय लगा तो अगले तीन माह में प्रकिया को पूरा किया जाएगा। बाड़ी रैंज से रेस्क्यू की गई बाघिन के लिए भी वन विहार के लगातार संपर्क में हैं।
एसके सिंह, संचालक एसटीआर होशंगाबाद
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