तीन स्कूल बिना बाउंड्री के 560 विद्यार्थी, 24 शिक्षक परेशान: मिडिल स्कूल में 154, प्राइमरी बालक में 129 और कन्या माध्यमिक शाला में 277 विद्यार्थी दर्ज है। तीनों स्कूलों में कुल 21 शिक्षक और 03 प्रधान पाठक पदस्थ है। वहीं कन्या प्राथमिक शाला का हो जो कुछ दूरी पर बनी है यहां भी भूमि सीमांकन विवाद में बाउंड्रीवॉल निर्माण अधर में है।
शिक्षा के मंदिर को भामाशाह का इंतजार: शिक्षक और सरपंच की पहल पर बगैर किसी शासकीय मदद लिए बाउंड्री का काम शुरू हो गया। शिक्षकों और विद्यार्थियों को शिक्षा के मंदिर की प्रगति के लिए भामाशाह दानदाता का इंतजार हैं ताकि तीन स्कूलों की मजबूत बाउंड्रीवॉल निर्माण हो सके इसमें काफी राशि खर्च होगी।
साढ़े सात लाख आए, नहीं हुआ निर्माण – प्रधान पाठक बलीराम अहिरवार के अनुसार स्कूल बांउड्री निर्माण के लिए शासन से ७ लाख ७७ हजार की राशि वर्षो पहले स्वीकृत हो चुकी है। पंचायत को निर्माण कराना था लेकिन यह काम नहीं हो पाया स्वीकृत राशि अन्य स्कूल को हस्तांरित हो गई।
शिक्षा के मंदिर को भामाशाह का इंतजार: शिक्षक और सरपंच की पहल पर बगैर किसी शासकीय मदद लिए बाउंड्री का काम शुरू हो गया। शिक्षकों और विद्यार्थियों को शिक्षा के मंदिर की प्रगति के लिए भामाशाह दानदाता का इंतजार हैं ताकि तीन स्कूलों की मजबूत बाउंड्रीवॉल निर्माण हो सके इसमें काफी राशि खर्च होगी।
साढ़े सात लाख आए, नहीं हुआ निर्माण – प्रधान पाठक बलीराम अहिरवार के अनुसार स्कूल बांउड्री निर्माण के लिए शासन से ७ लाख ७७ हजार की राशि वर्षो पहले स्वीकृत हो चुकी है। पंचायत को निर्माण कराना था लेकिन यह काम नहीं हो पाया स्वीकृत राशि अन्य स्कूल को हस्तांरित हो गई।
शिक्षकों ने किया चंदा, काम कराया शुरू- बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए वर्षो से शिक्षक उचित माध्यमों से आवेदन करते रहे हैं यह सबकी जानकारी में है लेकिन निर्माण नहीं हो पाया है। परेशान होकर 24 शिक्षकों ने करीब 48 हजार की राशि एकत्र कर बाउंड्री निर्माण कार्य प्रारंभ कराया है। ग्राम सरपंच ने नरसिंह रावत ने भी शिक्षकों की पहल की सराहना करते हुए करीब 25 हजार राशि की निर्माण सामग्री बाउंड्रीवॉल के लिए दी है। बाउंड्री का निर्माण शुरू हो गया है।