यह आ रही समस्या : टे्रकमैनों को जो जीपीएस मशीन दी गई है उसमें सिम डाली जाती है। इसी सिम के माध्यम से जीपीएस यंत्र काम करता है। यह सिम ट्रेकमैन के पास के टॉवर की जगह दूसरे टॉवर से नेटवर्क पकड़ लेती है। ट्रेकमैन जिस सेक्शन में होता है जीपीएस पर वह लोकेशन की जगह करीब 200 स 300 मीटर दूर किसी अन्य स्थान की लोकेशन ट्रेस होती है। ट्रेकमैनों के लिए यह सिम और नेटवर्क सबसे बड़ी समस्या बन रहा है।
एक दर्जन को मिली चार्जशीट : लोकेशन की इस गड़बड़ी के कारण इटारसी में करीब 8 से 10 और होशंगाबाद में 5-6 ट्रेकमैनों को चार्जशीट मिल चुकी है। कुछ कर्मचारियों को मिली हुई चार्जशीट कैंसिल हो गई है और कुछ पर रेलवे पास बंद करने व वेतनवृद्धि रोकने जैसी कार्यवाही हो चुकी है।
पीएनएम में उठाया मामला : जीपीएस यंत्र में नेटवर्क की समस्या से गलत लोकेशन ट्रेस होने और कर्मचारियों को दोषी ठहराने का मामला पीएनएम की बैठक में कर्मचारी संगठनों ने उठाया था मगर बैठक में अफसरों ने इस तर्क को खारिज कर दिया और जीपीएस यंत्र की रिपोर्ट को ही सही बताकर ट्रेकमैनों के लिए टेंशन बढ़ा दी है।
इंजीनियरिंग शाखा डब्ल्यूसीआरएमएस कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन सिंह ऊंटवार ने बताया कि जीपीएस में नेटवर्क की समस्या से गलत लोकेशन आती है। इसी वजह से कई ट्रेकमैनों को चार्जशीट मिल चुकी है। हमने पीएनएम में इस समस्या को उठाया था मगर वरिष्ठ अधिकारियों ने जीपीएस मशीनों की गड़बड़ी की बात को स्वीकार नहीं किया। इससे ट्रेकमैनों के सामने चिंताजनक स्थिति बन गई है।
जीपीएस के मामले में बस इतना ही कह सकते हैं कि आमतौर पर वह लोकेशन गलत नहीं बताता है। फिर भी यदि इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं तो इस बारे में हमें जानकारी नही हैं। संबंधित विभाग से जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।
आईए सिद्दकी, जनसंपर्क अधिकारी भोपाल मंडल
आईए सिद्दकी, जनसंपर्क अधिकारी भोपाल मंडल