पिपरिया बनखेड़ी सहित विभिन्न कॉलेजों के अतिथि विद्वान भी इस आंदोलन में शामिल होने गए थे। उन्होंने फोन पर बताया उन्हें पुलिस ने एक बस में भरकर पिपरिया के लिए रवाना कर दिया है। अतिथि विद्वानों का कहना है यह लोकतंत्र की हत्या है। हम शांतिपूर्वक अतिथि विद्वानों से फॉर्म भरवा कर प्रशासन को सौंपने वाले थे। हमें अपनी मांग रखना आवश्यक है प्रदेश सरकार ने भी चुनाव से पूर्व अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को लेकर वचन दिया था।
उस वचन को पूरा करने की जगह बर्बर तरीके से आंदोलनकारियों की आवाज को दबाया जा रहा है यह गलत है। बस में नजरबंद अनेक अतिथि विद्वानों ने फोन पर बताया|