पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ करती है परिक्रमा
हम सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। इस समय पृथ्वी से देखने पर आकाश में जहां सूर्य दिख रहा है। उसके आसपास सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह गुरु आ जाता है, जोकि सूर्य की चकाचौंध में खो जाता है। ऐसी ही स्थिति लगभग 1 माह तक रहती है और दोनों ग्रह इस स्थिति में एक माह तक बने रहते हैं। इस दौरान गुरु को अलग से नहीं देखा जा सकता है। यही स्थिति गुरु के अस्त होने की कहलाती है।
हम सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। इस समय पृथ्वी से देखने पर आकाश में जहां सूर्य दिख रहा है। उसके आसपास सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह गुरु आ जाता है, जोकि सूर्य की चकाचौंध में खो जाता है। ऐसी ही स्थिति लगभग 1 माह तक रहती है और दोनों ग्रह इस स्थिति में एक माह तक बने रहते हैं। इस दौरान गुरु को अलग से नहीं देखा जा सकता है। यही स्थिति गुरु के अस्त होने की कहलाती है।
5 मार्च को अंतर होगा कम
सूर्य में खो जाने की 5 मार्च को शाम 07 बजकर 25 मिनिट पर सूर्य और जुपिटर के बीच केवल 0,58 डिग्री का अंतर रह जायेगा। लगभग 30 दिन बाद जब पृथ्वी कुछ आगे बढ़ जायेगी तब गुरु, सूर्य से अलग होता दिखेगा। इस पूरी प्रक्रिया को खगोलविज्ञान की दृष्टि से नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने गुरूज्ञान कार्यक्रम में बताया।
सूर्य में खो जाने की 5 मार्च को शाम 07 बजकर 25 मिनिट पर सूर्य और जुपिटर के बीच केवल 0,58 डिग्री का अंतर रह जायेगा। लगभग 30 दिन बाद जब पृथ्वी कुछ आगे बढ़ जायेगी तब गुरु, सूर्य से अलग होता दिखेगा। इस पूरी प्रक्रिया को खगोलविज्ञान की दृष्टि से नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने गुरूज्ञान कार्यक्रम में बताया।
विवाह का पहला मुहूर्त 17 अप्रैल को होगा
सूर्य देव 14 मार्च को गुरुदेव की राशि मीन में प्रवेश करेंगे, और एक महीने तक रहेंगे। नारायण ज्योतिष संस्थान के विकास जोशी के मुताबिक 23 फरवरी से 20 मार्च तक गुरु अस्त रहेंगे। इसके बीच आठ दिनी होलाष्टक 10 मार्च से और मीन का मलमास लगने से 14 मार्च से 14 अप्रैल तक विवाह नहीं होंगे। इसके चलते विवाह के दूसरे सीजन का विवाह का पहला मुहूर्त 17 अप्रैल को होगा।
सूर्य देव 14 मार्च को गुरुदेव की राशि मीन में प्रवेश करेंगे, और एक महीने तक रहेंगे। नारायण ज्योतिष संस्थान के विकास जोशी के मुताबिक 23 फरवरी से 20 मार्च तक गुरु अस्त रहेंगे। इसके बीच आठ दिनी होलाष्टक 10 मार्च से और मीन का मलमास लगने से 14 मार्च से 14 अप्रैल तक विवाह नहीं होंगे। इसके चलते विवाह के दूसरे सीजन का विवाह का पहला मुहूर्त 17 अप्रैल को होगा।