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Guru Prunima: यह गुरु हैं जरा हटके, खुद देख नहीं सकते लेकिन बच्चों का जीवन कर रहे रोशन

locationहोशंगाबादPublished: Jul 16, 2019 11:40:06 am

Submitted by:

poonam soni

यह गुरु है दूसरों के लिए मिसाल

Guru prunima

Guru Prunima: यह गुरु हैं जरा हटके, खुद देख नहीं सकते लेकिन बच्चों का जीवन कर रहे रोशन

होशंगाबाद. गुरु बिन ज्ञान नहीं। इसलिए भगवान से पहले गुरु को पूजा जाता है। दुनिया में आज भी गुरु का महत्व कम नहीं हुआ है। एेसे ही शिक्षक हैं मोहन लाल साहू। वे खुद देख नहीं सकते लेकिन बच्चों का भविष्य संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इसी तरह प्रभारी प्राचार्य हैं कला मीना। उन्होंने सरकारी स्कूल की सूरत ही बदल डाली। आज गुरु पूर्णिमा पर जिले के एेसे ही गुरुओं से रूबरू कराती पत्रिका की यह रिपोर्ट।
शिक्षकों के लिए बने मिसाल
यह हैं सिवनी मालवा से 22 किलोमीटर दूर मकोडिया गांव के शासकीय माध्यमिक शाला के दृष्टिबाधित टीचर मोहन लाल साहू, जो न खुद हारे और न ही अब बच्चों को हारने दे रहे हैं। वह वर्ष 2002 से ब्रेललिपि के माध्यम से सामाजिक विज्ञान की शिक्षा दे रहे हैं। मोहन बताते हैं, ‘मैं, देख नहीं सकता हूं लेकिन फिरपढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं होती। अभी तक 500 से ज्यादा बच्चों को शिक्षित कर चुके हैं। साथ ही मोहन साहू अंताक्षरी के माध्यम से अंग्रेजी-हिंदी का ज्ञान भी करा रहे हैं।
Guru prunima
सरकारी स्कूल की बदली सूरत
यह हैं, खेड़ला गांव स्थित शासकीय प्राथमिक शाला की प्रभारी प्राचार्य कला मीना जिन्होनें अपने स्कूल के स्टॉफ के साथ मिलकर सरकारी स्कूल की ही सूरत ही बदल डाली। यह गुरू नि:स्वार्थ भाव से बच्चों को शिक्षित करने के लिए अपने पैसों से समय से पहले गणवेश, स्कूल की पुताई और हर सुविधाए देतीं है। उन्होंने स्कूल की सूरत प्रायवेट जैसी कर दी, इस कारण दूर-दराज के गांव के बच्चे भी यहां पढऩे आ रहे हैं। यहां शिक्षा भी प्राइवेट स्कूल को मात देती है।
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