पितरों के लिए खास
शास्त्र अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितर देव हैं तथा चंद्रमा स्वयं की राशि कर्क में रहेंगे, यह दोनों पितृ कर्म का विशेष लाभ देने वाले माने जाते हैं। इस दिन घाट पर पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्धकर्म, नारायण बलि कर्म का शुभ फल मिलने की पूजन से मान्यता है। पंडित शुभम दुबे के अनुसार इस दिन पितरों की स्मृति में पौधारोपण करना श्रेष्ठ रहेगा। पौधारोपण कर इनका संरक्षण करें ताकि इनकी छाया पितरों की खुशी के रूप में आपको मिलती रहेगी। पंडित दुबे के अनुसार ग्रहों का आपसी दृष्टि संबंध मौसम में बदलाव लाएगा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जलवायु व मौसम का एक कारक बुध ग्रह को बताया गया है। यह राशि ग्रहों की ऊर्जा का संरक्षण कर मौसम की दिशा व दशा बताता है।
शास्त्र अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितर देव हैं तथा चंद्रमा स्वयं की राशि कर्क में रहेंगे, यह दोनों पितृ कर्म का विशेष लाभ देने वाले माने जाते हैं। इस दिन घाट पर पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्धकर्म, नारायण बलि कर्म का शुभ फल मिलने की पूजन से मान्यता है। पंडित शुभम दुबे के अनुसार इस दिन पितरों की स्मृति में पौधारोपण करना श्रेष्ठ रहेगा। पौधारोपण कर इनका संरक्षण करें ताकि इनकी छाया पितरों की खुशी के रूप में आपको मिलती रहेगी। पंडित दुबे के अनुसार ग्रहों का आपसी दृष्टि संबंध मौसम में बदलाव लाएगा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जलवायु व मौसम का एक कारक बुध ग्रह को बताया गया है। यह राशि ग्रहों की ऊर्जा का संरक्षण कर मौसम की दिशा व दशा बताता है।
यह राशि के लोग करे पौधारोपण
मेष(मंगल) चंदन, केशन, कनेर
वृषभ (शुक्र) गुलर
मिथुन- (बुध) दुर्वा, तुलसी
कर्क (चंद्र) सफेद फूले, गन्ना
सिंह (सूर्य) नारियल, बादाम, लाल फूल
कन्या (बुध) बेल
तुला (शुक्र) सुगंधित फूल औषधीय पौधे
वृश्चिक (मंगल) लाल चंदन पीपल
धनु (गुरु) पीपल नीम
मकर (शनि) वट बरगद पलाश महुआ
कुंभ (शनि)आंवला शमी पीपल
मीन (गुरु)पीपल सूर्यमुखी
मेष(मंगल) चंदन, केशन, कनेर
वृषभ (शुक्र) गुलर
मिथुन- (बुध) दुर्वा, तुलसी
कर्क (चंद्र) सफेद फूले, गन्ना
सिंह (सूर्य) नारियल, बादाम, लाल फूल
कन्या (बुध) बेल
तुला (शुक्र) सुगंधित फूल औषधीय पौधे
वृश्चिक (मंगल) लाल चंदन पीपल
धनु (गुरु) पीपल नीम
मकर (शनि) वट बरगद पलाश महुआ
कुंभ (शनि)आंवला शमी पीपल
मीन (गुरु)पीपल सूर्यमुखी