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संयुक्त परिवार से मिली वर्किंग पेरेंट्स को मदद

locationहोशंगाबादPublished: Sep 16, 2018 09:51:31 pm

Submitted by:

rajendra parihar

किसी भी परिवार में यदि माता-पिता दोनों की नौकरी करते हैं तो उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि माता-पिता अपनी सूझबूझ से टाइम मेनेजमेंट के जरिए सभी जिम्मेदारियों को निभा लेते हैं।

Helping working parents from a joint family

संयुक्त परिवार से मिली वर्किंग पेरेंट्स को मदद

होशंगाबाद. किसी भी परिवार में यदि माता-पिता दोनों की नौकरी करते हैं तो उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि माता-पिता अपनी सूझबूझ से टाइम मेनेजमेंट के जरिए सभी जिम्मेदारियों को निभा लेते हैं। नेशनल वर्किंग पेरेंट्स डे ऐसे ही माता-पिता को समर्पित है जिन्होंने कार्यालयीन व्यवस्तता के बाद भी बच्चोंं की देखभाल और पारिवारिक जिम्मेदारियों को बख्ूाबी निभा रहे हैं। हालांकि इस स्थिति में वर्किंग पेरेंट्स को संयुक्त परिवार होने से काफी मदद मिली। परिवार में बच्चों के छोटे होने के बाद ऐसे वर्किंग पेरेंट्स को सबसे ज्यादा पर परेशानी का सामना करना पड़ा।
काम से निकाला समय
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एडीपीसी के पद पर पदस्थ राजेश गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नि रजनीबाला गुप्ता भी कन्या उमावि में शिक्षिका हैं। एडीपीसी गुप्ता ने बताया कि परिवार में दोनों के शासकीय सेवा में होने की वजह से पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने में थोड़ी परेशानी तो हुई लेकिन संयुक्त परिवार होने की वजह से सहूलियत मिली। उनकी बेटी अभी स्वीडन की एक कंपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और बेटा अभी इंजीनियरिंग कर रहा है।
छोटी बच्ची ही बड़ी जिम्मेदारी
एसएनजी स्कूल में शिक्षिका कल्पना चौहान और उनके पति रामनरेश सिंह चौहान भी वर्किंग पेरेंट्स हैं। संयुक्त परिवार होने की वजह से इन्हें में अपनी शैक्षणिक कार्य करने का पर्याप्त समय मिल पाया। निजी स्कूल में शिक्षण कार्य करने वाले रामनरेश चौहान ने बताया कि अभी भी तीन वर्ष की बेटी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जबकि एक बेटा पांचवी कक्षा में पढ़ता है। शिक्षिका कल्पना ने भी बताया कि कई बार समस्या बच्ची को स्कूल भी ले जाना पड़ा।
बिना एप्रीसिएशन के ही निभा रही पूरी जिम्मेदारी
हमारी शादी 11 साल पहले हुई थी। तब से लेकर आज तक मेरी पत्नि ने पूरी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। दो छोटे बच्चों की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही परिवार के सभी सदस्यों का ध्यान रखने के साथ ही अपने कॅरियर पर भी ध्यान दिया। मेरी पत्नि ने अपनी जिम्मेदारियों को बिना किए एप्रीसिऐशन के निभाया यह बाद व्यवसायी शफीक खान ने कही। शफीक खान ने बताया कि मेरी पत्नि डॉ. नीतू पंवार जिम्मेदारियों में प्राथमिकता तय करते हुए सभी को एक साथ लेकर चली। परिवार में आर्थिक मदद हो या शारीरिक, मेरी पत्नि कभी पीछे नहीं रही बल्कि हमेशा मेरे साथ रही।
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