पुलिस ने सूचना पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ 363 का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। मंगलवारा पुलिस ने बताया कि कस्तूरवा वार्ड निवासी 5 वर्षीय मासूम भाई के साथ घर के बाहर खेल रही थी। पुलिस ने बताया कि मासूम के काफी देर नही मिलने पर जब परिजनों ने खोजबीन की तो भाई ने बताया कि एक आदमी मासूम को साइकिल पर बिठा कर ले गया है। खबर लगते ही मोहल्ले में हड़कंप मच गया आस पास के नागरिक, परिजन सहित मंगलवारा पुलिस टीम ने बच्ची की तलाश में जुटे है। पुलिस ने सभी थानों को मैसेज कर दिया है। रात 9 बजे तक बच्ची का कोई सुराग नही मिल सका।
यह थी घटना
ये है मामला 31 अक्टूबर की शाम कस्तूरबा वार्ड में घर के बाहर खेल रहे मासूम बहन भाई में से आरोपी दीपक के 5 साल की बच्ची का अपहरण कर लिया था। अपहरण के बाद बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी। लाश रेलवे लाइन के उस पार कृषि उपज मंडी क्षेत्र में झाडिय़ों के बीच छिपा दी थी। इधर, पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश की। सीसी टीवी फुटेज से आरोपी की पहचान करने के बाद आरोपी को 3 नव 2018 को बुरहानपुर से गिरफ्तार किया गया। को बच्ची का शव मिलने पर बाजार बंद हुआ दरिंदे को फाँसी की मांग हुई। 8 माह 20 दिन में फैसला आया था।
31 अक्टूबर 2018 को 5 साल की बच्ची का अपहरण कर बलात्कार और फिर हत्या के आरोपी को जिला न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी। न्यायालय मीडिया प्रभारी, पिपरिया टीआई प्रवीण कुमरे, अधिवक्ता कमलेश पुरविया के अनुसार न्यायधीश केएन सिंह ने आरोपी दीपक किरार को धारा 302, 376, 363 पास्को एक्ट के तहत दोषी करार दिया था। 376 के तहत आरोपी को फांसी धारा 302 के तहत आजीवन कारावास, 363 के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। फैसला आते ही पीडि़त का न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे नगरवासियों ने राहत की सांस ली थी शुरूआत से ही अंतिम सुनवाई तक नागरिक सिर्फ फांसी देने की मांग पर अड़े हुए थे। तत्कालीन एडिशनल एसपी राकेश खाखा और पूर्व एसपी अरविंद सक्सेना ने मामले में चालान तैयार कर घटना के 2 हफ्ते बाद ही पेश कर दिया था मासूम बच्ची के साथ हुई इस घटना में स्थानीय अधिवक्ताओं ने आरोपी का वकील बनने से इनकार कर दिया था। इस कारण मामला जिला कोर्ट में चला गया था।
पिपरिया में हुए मासूम की निर्मम हत्या पर आज हाइकोर्ट जबलपुर नए आदेश जारी किए है। जिसमें आरोपी फांसी की सजा को हाइकोर्ट ने 35 साल की कठोर सजा में बदल दिया है। साथ ही बिना छुट्टी के कटेगी अपराधी की सजा।