World Heritage Day: यहां है नदी के अंदर सुरंग, जहां से हुशंगशाह अपनी रानी के साथ जाते थे इस मंदिर के दर्शन करने
होशंगाबादPublished: Apr 18, 2019 04:58:00 pm
300 साल पुराना है रामजानकी मंदिर का इतिहास
World Heritage Day: यहां है नदी के अंदर सुरंग, जहां से हुशंगशाह अपनी रानी के साथ जाते थे इस मंदिर के दर्शन करने
होशंगाबाद . राजा हुशंगशाह जिनके नाम से होशंगाबाद जाना जाता है। उनसे जुड़ी कई किवदंतियां आज भी जनचर्चा में है। बताया जाता है कि राजा हुशंगशाह और उनकी रानी दोनों नर्मदा नदी के बीच सुरंगनुमा रास्ते से होकर पल्लेपार बुधनी क्षेत्र के रामजानकी मंदिर पूजा-अर्चना करने जाते थे। यह प्राचीन मंदिर लगभग 300 साल पुराना बताया जा रहा है। जिसे राधा किशन राय पार्वती बाई ने बनवाया था।
संरक्षण के अभाव में राजा हुशंगशाह का किला खंडहर बन चुका है। किले से मंदिर का रास्ता भी अब बंद हो चुका है। किले की दीवारें उसके शौर्य और वैभव की गाथा बताते हैं। हालांकि नपा ने इस किले को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए मरम्मत का काम भी कराया है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए किले से सटकर पार्क भी वकसित किया गया है। प्राचीन राम जानकी मंदिर में धर्मशाला भी है। यहां नर्मदा की परिक्रमा करने आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम है। मंदिर के पुजारी भूपेंद्र भार्गव बताते हैं कि हुशंगशाह के किले से रामजानकी मंदिर तक नर्मदा के बीच से होकर एक सुरंगनुमा रास्ता हुआ करता था। इसी रास्ते से राजा हुशंगशाह उनकी रानी को साथ लेकर मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते थे। मंदिर में महंत केशव दास के गुरू प्रेमदास महाराज पूजन-पाठ किया करते थे। वर्तमान में महंत केशव दास महाराज मंदिर के मुख्य पुजारी हैं।