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प्रदेश की हॉकी अकादमी में सबसे अधिक सुविधाएं, अब शहर में है इसकी जरूरत

locationहोशंगाबादPublished: Apr 22, 2019 12:33:02 pm

टैलेंट के लिए होशंगाबाद में ब्वॉइज फीडर सेंटर की जरूरत

hockey talent search in hoshangabad

प्रदेश की हॉकी अकादमी में सबसे अधिक सुविधाएं, अब शहर में है इसकी जरूरत

होशंगाबाद। एट्रो टर्फ तो होशंगाबाद को मिल गई। अब एक ब्वॉइज फीडर सेंटर भी खुलना चाहिए, जिससे छोटे-छोटे खिलाड़ी यहां से निकलेगे। फीडर सेंटर में जीरो से बच्चों की शुरुआत होती है। यह कहना है ओलंपिक हॉकी खिलाड़ी समीर दाद का। समीर होशंगाबाद में चल रही संभाग स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में चयनकर्ता के रूप में आए हैं। वे यहां टैलेंट सर्च कर रहे हैं। वहीं मध्यप्रदेश हॉकी अकादमी के अस्टिटेंट कोच मंगल और होशंगाबाद निवासी एवं होशंगाबाद से हॉकी खेलकर निकली मध्यप्रदेश महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर की कोच वंदना उइके साथ में टैलेंट सर्च में मदद कर रही हैं। समीर बताते हैं कि उन्होंने अशोक ध्यानचंद्र के समय काफी टैलेंट सर्च किया है और कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेल रहे हैं।
संभाग स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में बैतूल गल्र्स और व्वॉइज, होशंगाबाद गल्र्स और भोपाल ब्वाइज की टीम सेमी फाइनल में पहुंची। सोमवार को को सुबह सात बजे से सेमी फाइनल मैच खेले जाएंगे। शाम को तीन बजे से प्रथम सेमीफाइनल लूजर और द्वितीय सेमी फाइनल लूजर गल्र्स का हार्ड लाइन मैच होगा। इसके बाद प्रथम सेमीफाइनल लूजर और द्वितीय सेमी फाइनल लूजर व्वॉइज का हार्ड लाइन मैच होगा।

एेसे सर्च करते हैं टैलेंट
सबसे पहले बच्चे की उम्र देखी जाती है। इसके बाद फिजिकल, जिसमें उसकी हाइट और कद काठी देखी जाती है। कुछ बच्चे हाइट में छोटे होते हैं तो उन्हें आगे बढऩे में काफी संघर्ष करना पड़ता है। इसके अलावा बच्चे के अंदर हॉकी की कितनी समझ है, उसके खेलने की शैली कैसी है। पासिंग करने और गोल करने का तरीका क्या है। यह देखा जाता है। यहां सिलेक्ट बच्चों का ट्रायल भोपाल में होगा। इसके बाद अकादमी की मौजूदा समय में खाली सीटों को सिलेक्टेड बच्चों से रखा जाएगा। बाकी को वापस भेज दिया जाएगा। इसके बाद सिलेक्टेड बच्चों को तीन से चार साल प्रशिक्षण के लिए अकादमी में भेजा जाएगा। वहां कोच उनका परफॉरमेंस देखेंगे कि बच्चा कितना आगे जा सकता है। सरकार ने २९ जिलों के फीडर सेंटर में इसे शुरू किया है। बच्चों को साल में एक किट दी जाती है साथ ही प्रशिक्षण के लिए कोच भी नियुक्त किया गया है।

प्रदेश में सबसे अधिक सुविधाएं
पूरे देश में अलग-अलग जगह हॉकी अकादमी हंैं। जिनमें से मध्यप्रदेश हॉकी अकादमी में सबसे अधिक सुविधाएं हैं। खासतौर पर ग्वालियर और भोपाल अकादमी में अधिक सुविधाएं हैं। सबसे अधिक टर्फ हॉकी मैदान भी मध्यप्रदेश में है। अकेले भोपाल में ही चार हॉकी टर्फ मैदान हैं।
वुमन ने खेला ओलंपिक
मध्यप्रदेश से सबसे अधिक टैलेंट भोपाल, ग्वालियर, सिवनी से निकले हैं। सबसे अधिक वुमन खिलाड़ी ग्वालियर अकादमी से निकली हैं। वह लगातार इंडिया टीम में है और ओलंपिक भी खेली हैं। अब होशंगाबाद में भी टर्फ लग गया है तो यहां भी टैलेंट निकलेंगे। विवेक सागर इटारसी, उमर, अरमार कुरैशी, अलीशान, नीलाकांता जैसे खिलाड़ी भी मध्यप्रदेश से ही निकले हैं।
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