scriptभाई और भतीजों ने हत्या कर घर के सैप्टिक टैंक में डाल दी थी बुजुर्ग की लाश | hoshangabad crime news and latest news | Patrika News

भाई और भतीजों ने हत्या कर घर के सैप्टिक टैंक में डाल दी थी बुजुर्ग की लाश

locationहोशंगाबादPublished: Oct 14, 2018 12:06:26 pm

Submitted by:

sandeep nayak

– 40 लाख और 15 एकड़ जमीन के लालच में उतारा मौत के घाट

Breaking

ब्रेकिंग

होशंगाबाद. दस माह से लापता डोलरिया के ग्राम कांद्राखेड़ी में रहने वाले 60 वर्षीय बृजमोहन रघुवंशी का कंकाल उसके ही घर के सैप्टिक टैंक में मिला। उसकी संपत्ति के लालच में भाई और दो भतीजों ने मिलकर हत्या की थी। पुलिस ने इस अंधे कत्ल का खुलासा कर पिता-पुत्रो सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
एसपी अरविंद सक्सेना ने बताया कि कोठरा शिवपुर निवासी बहन सरोज और जीजा रघुवीर रघुवंशी ने 14 दिसंबर 2017 को बृजमोहन की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस उनकी तलाश कर रही थी लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था। परिजन भी सहयोग नहीं कर रहे थे। इस कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लंबित मामलों की रिव्यू के दौरान एसपी ने मामले को देखा तो पड़ताल करने के निर्देश दिए। पता चला कि बृजमोहन मोबाइल का उपयोग करने का शौकीन था। इस कारण कॉल डिटेल निकाली। इससे सुराग लगा कि उसके लापता होने के तीन दिन बाद तक उसका एक मोबाइल नंबर चालू था। उससे पहले उसके चार नंबरों की जानकारी निकाली गई लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। ५वा नंबर उसके सगे भाई राममोहन रघुवंशी के द्वारा उपयोग करना पाया। इस आधार पर वह शंका के दायरे में आया। पूछताछ करने पुलिस पहुंची तो बोला मेरे भाई को ढूंढ नहीं पा रहे, उल्टा हमें परेशान कर रहे हैं। एसपी ने टीआई महेश टांडेकर को राममोहन को हिरासत में लेकर पूछताछ के निर्देश दिए। पुलिस ने सख्ती पर उसने सारा राज उगल दिया। इसके बाद उसके दोनों बेटों सतीश और अजीत एवं मददगार ग्वालटोली निवासी त्रिलोक यादव को गिरफ्तार कर लिया गया।
ऐसे बनाई योजना – आरोपियों ने पुलिस को बताया कि बृजमोहन रात में शौच के लिए जाता था। जैसे ही वह उस रात घर से निकला, पहले से बागड़ के पास छिपे पिता-पुत्रों ने उस पर लाठियों से मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव घर के ही सैप्टिक टैंक में डाल दिया। फिर त्रिलोक यादव की मदद से दो-तीन ट्राली रेत सैप्टिक टैंक में डाली और चैंबर बंद कर दिया।
इसलिए की हत्या – बृजमोहन की कोई संतान नहीं थी। उसकी दो बहनों की मौत हो चुकी थी। दो सरोज और उर्मिला कोठर एवं इंदौर में रहती हैं। भाई राममोहन पड़ोस में रहता था। मृतक अपनी दोनों बहनों को ज्यादा चाहता था। वह सरोज के बेटे गोविंद को बहुत पसंद करता था। भाई और भतीजों से उसकी पटती नहीं थी। उसके पास ४० लाख बैंक बैलेंस था और 15 एकड़ जमीन थी। भाई और भतीजों को लगा कि यह जमीन व पैसा वह बहनों में बांट देगा और उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। इस कारण योजना बनाकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो