बार-बार बदलना पड़ रहा आशियाना
विभाग ने 50 बालकों के ठहरने के लिए किराए के भवन की व्यवस्था की है। हालांकि विभाग द्वारा निर्धारित मापदंड के तहत भवन में 10 बाथरूम, 10 शौचालय, स्वयं का बोरवेल, बड़ा किचन, स्टोर रूम और थ्री फेस मीटर होना जरूरी है। शासन के नियमों के तहत भवन न मिलने से छात्रावास भी बार-बार बदलना पड़ता है। जिले में 13 छात्रावासों का यही हाल बालागंज पोस्ट मेट्रिक छात्रावास के साथ ही जिले के 13 छात्रावासों की यही स्थिति है। सभी 13 छात्रावास किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं। शासन ने वर्ष 2013-14 में थोक में छात्रावास स्वीकृत किए थे जबकि इनके लिए भवन की स्वीकृति नहीं दी।
इनका कहना
शासन ने अभी तक नए भवन की स्वीकृति नहीं दी है। स्वीकृति मिलने के बाद ही निर्माण शुरू हो पाएगा। अभी किराए के भवन में छात्रावास संचालित किया जा रहा है।
चंद्रकांता सिंह, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास