बेटे के लिए जीना चाहती है भावना
भावना ने बताया कि उसका दस माह का एक बेटा सिद्धार्थ है, वह उसके लिए जीना चाहती है। अपना इलाज कराना चाहती है। स्वस्थ होने के बाद वह काम करेगी और अपने बच्चे का भरण-पोषण करेगी। उसने लोगों से भी इलाज में मदद करने की अपील की है।
ऐसे शुरू हुई थी प्रेम कहानी
भावना ने बताया कि आदर्श पड़ोस मेंं ही रहते थे। इन दिनों मैं नागपुर में काम करती थी। आदर्श से नागपुर में भी मुलाकात हुई। जिसके बाद दोनों एक दूसरे से बात करने लगे। दोस्ती प्यार में बदल गई और फिर दोनों ने साथ जीने-मरने की कसम खाई। दोनों ने घर से भागकर शादी कर ली।
नागपुर रिपोर्ट में वाल्व हैं खराब : जिला अस्पताल के डॉक्टर आनंद मालवीय ने बताया कि उनके पास जो नागपुर की रिपोर्ट है, उसके हिसाब से वाल्व खराब बताए गए हैं, फिर भी हॉर्ट के डॉक्टर को एक बार दिखाने की सलाह दी गई है।
भावना ने बताया कि उसका दस माह का एक बेटा सिद्धार्थ है, वह उसके लिए जीना चाहती है। अपना इलाज कराना चाहती है। स्वस्थ होने के बाद वह काम करेगी और अपने बच्चे का भरण-पोषण करेगी। उसने लोगों से भी इलाज में मदद करने की अपील की है।
ऐसे शुरू हुई थी प्रेम कहानी
भावना ने बताया कि आदर्श पड़ोस मेंं ही रहते थे। इन दिनों मैं नागपुर में काम करती थी। आदर्श से नागपुर में भी मुलाकात हुई। जिसके बाद दोनों एक दूसरे से बात करने लगे। दोस्ती प्यार में बदल गई और फिर दोनों ने साथ जीने-मरने की कसम खाई। दोनों ने घर से भागकर शादी कर ली।
नागपुर रिपोर्ट में वाल्व हैं खराब : जिला अस्पताल के डॉक्टर आनंद मालवीय ने बताया कि उनके पास जो नागपुर की रिपोर्ट है, उसके हिसाब से वाल्व खराब बताए गए हैं, फिर भी हॉर्ट के डॉक्टर को एक बार दिखाने की सलाह दी गई है।