हरतालिका तीज – देखना एक दिन वो मुझे लेने जरूर आएंगे
होशंगाबादPublished: Sep 05, 2016 11:00:00 am
आसरा वृद्धाश्रम में रह रही बुजुर्ग महिलाओं ने भी रखा हरतालिका तीज का उपवास
होशंगाबाद। भोपाल रोड स्थित आसरा वृद्धाश्रम में जिंदगी के आखिरी दिन काट रही कमलाबाई भी उन हजारों-लाखों महिलाओं में शुमार है, जिन्होंने रविवार को हरतालिका तीज का उपवास रखा। कमला भी पूरे 24 घंटे भूखी-प्यासी रही और भगवान शिव और गौरी का पूजन किया। लेकिन कमलाबाई की कहानी बाकी महिलाओं से अलग है। जिस पति की लम्बी उम्र की कामना करते हुए कमलाबाई ने यह कठोर व्रत रखा, उस पति का नाम कमलाबाई नहीं बताना चाहती। वह कहां की रहने वाली है? इस सवाल का जवाब भी वह टाल देती है। वजह पूछने पर कमलाबाई की बूढ़ी आंखों में नीर बहने लगता है। फटी-पुरानी साड़ी के पल्लू से भीगी आंखों को साफ करते हुए कमलाबाई बताती है ‘कोई मरे के नाम पर रोता है तो कोई जिंदा के नाम पर…मैं तो पति के नाम पर रोती हूं। 25 बरस उन्होंने मुझे छोड़ दिया। बेटी ने सहारा दिया। मजदूरी करके जिंदा रही। अब आश्रम के सहारे बाकी की जिंदगी काट रही हूं…लेकिन देखना एक दिन वो जरूर आएंगे, मुझे लेने… इस आश्रम में कमला जैसी और भी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने पति की लंबी की उम्र के उपवास रखा। कुछ नसीब वाली थीं, जिन्हें तीज-त्योहार पर परिजन लेने आते हैं। कमलाबाई की तरह यहां रह रहीं असहाय बुजुर्ग महिलाओं ने भी यह व्रत रखा और रोते हुए कथा सुनी।