मछलियों के संकट के लिए दरअसल सबसे मुख्य कारण डेम और बांधों के मुहाने पर जहरीले किस्म के पावडर डालना भी है। डेम की मछलियां धारा के विपरीत चढ़ती है।
मछलियों की विलुप्तता में रेत का अंधाधुंध खनन भी जिम्मेदार है। रेत को नदी से निकाल लेने से इसकी जगह मिट्टी-कपा और मलबा जम जाता है। जिसमें मछलियां पलायन कर जाती है। मछलियां रेत की तलहटी में जलीय वनस्पतियों के बीच में रहना पसंद करती हैं।
इनका कहना है… यह बात सही है वर्तमान में मछलियों पर संकट है। कुछ मछलियां विलुप्त होने की कगार पर है। इनके संरक्षण व संवर्धन की बेहद जरुरत है। मत्स्य विभाग को इसके लिए कार्य करने चाहिए। मछलियों को बचाने महाजाल का उपयोग बंद हो, नदियों में बारिश में बच्चे छोड़े जाएं। इस दौरान मत्स्याखेट पर प्रतिबंध के समय मछुआरों को वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
-प्रदीप मांझी, प्रदेश महासचिव फिशरमैन कांग्रेस व समाज अध्यक्ष