नौ दिन पहले निजी अस्पताल में बेहोशी की हालत में उपचार के दौरान दम तोडऩे वाली अर्चना की मौत सड़क हादसे में घायल होने या फांसी लगाने से नहीं हुई। बल्कि उसके पति ने दीवार में सिर मारा था। पुलिस ने छानबीन के बाद पति, सास-ससुर और दो जेठ के खिलाफ हत्या और दहेज प्रताडऩा सहित विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया है। पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
टीआई टी सप्रे ने बताया कि शोभापुर निवासी विवाहिता अर्चना की 19 अप्रैल को उपचार के दौरान होशंगाबाद के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। इस मामले में पहले उसके ससुराल वालों ने बताया कि वह बाइक में साड़ी फंसने के कारण उलझकर गिरने से घायल हुई है। उसके सिर में चोट थी। फिर पुलिस को उसके पति जितेंद्र ने पुलिस को बताया था कि वह मायके जाने की जिद कर रही थी, नहीं जाने देने पर फांसी लगा ली थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद मामला हत्या का निकला। अर्चना की दो साल पहले शादी हुई थी। जितेंद्र और उसके परिजन दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताडि़त कर रहे थे। उसकी मौत के एक दिन पूर्व जितेंद्र ने अर्चना का सिर घर की दीवार पर पटका था, जिससे उसके सिर से खून बहने लगा था। पुलिस ने दीवार से रक्त के सैंपल भी लिए हैं। पुलिस ने प्रारंभिक पीएम रिपोर्ट, मृतका के शरीर पर चोटों के निशान तथा उसके मायके पक्ष के लोगों के आरोपों की गहनता से जांच व अन्य लोगों से भी पूछताछ के बाद मृतका के पति जितेंद्र पुर्विया, ससुर शंकरलाल, सास हीराबाई तथा जेठ राजेश व विनोद के खिलाफ धारा 304 बी, 302, 201, 34 व दहेज एक्ट की धारा 3/4 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।