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बादल छाए तो पढ़ाई पर छाएगा अंधेरा, 700 स्कूलों में मरम्मत की दरकार

locationहोशंगाबादPublished: Jul 03, 2022 11:03:49 am

Submitted by:

rajendra parihar

संभाग के 1664 स्कूलों में नहीं बिजली की व्यवस्था

बादल छाए तो पढ़ाई पर छाएगा अंधेरा, 700 स्कूलों में मरम्मत की दरकार

बादल छाए तो पढ़ाई पर छाएगा अंधेरा, 700 स्कूलों में मरम्मत की दरकार

नर्मदापुरम- संभाग के सरकारी स्कूलों में शिक्षण के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं पर भी शासन का ध्यान नहीं है। यही कारण है कि अभी संभाग के 1 हजार 664 स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं है। बिजली नहीं होने से बच्चे गर्मी और उमस के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। वहीं बारिश के दौरान मौसम खराब होने और बादल छाने से स्कूलों में अंधेरे की स्थिति बन रही है। शौचालय हो या हैंडवॉश यूनिट की स्थिति भी खराब है।
570 शौचालयों के लिए मिली राशि
भारत सरकार ने स्वच्छ भारत कोष के तहत संभाग के 570 स्कूलों में शौचालय के लिए राशि जारी की है। इस राशि से नर्मदापुरम के 97, हरदा के 132 और बैतूल जिले के 341 स्कूलों में शौचालय निर्माण होंगे। वहीं इस राशि से संबंधित स्कूलों में बंद पड़े शौचालयों को भी क्रियाशील किया जाएगा।
1710 स्कूलों में नहीं हैंडवॉश यूनिट
स्कूलों में हर साल विश्व हाथ धुलाई दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि संभाग के 1710 स्कूलों में हैंडबॉश यूनिट नहीं हैं। हैडवॉश विहीन स्कूलों में नर्मदापुरम के 161, हरदा के 251 और बैतूल जिले के 1 हजार 298 स्कूल शामिल हैं।
बॉक्स
यहां तो मीटर लेकिन एक साल से कटी है बिजली
शहर की आईटीआई प्राथमिक शाला में स्थिति विपरीत है। यहां बिजली का कनेक्शन तो है लेकिन सालभर से केबल कटी हुई है।
साल की शुरुआत से ही बच्चे और स्टाफ गर्मी की वजह से परेशान हैं। स्कूल में कुल 125 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। प्रधानपाठक आशा सोलंकी ने विभाग को इस बारे में सूचना दी है। विभाग ने स्कूल का बिल भी जमा किया है लेकिन बिजली कंपनी कनेक्शन नहीं जोड़ रही है।
फैक्ट फाइल
जिला- नर्मदापुरम
स्कूलों में नहीं बिजली व्यवस्था- 591
यहां है मरम्मत की जरूरत- 158

जिला- हरदा
स्कूलों में नहीं बिजली व्यवस्था- 203
यहां है मरम्मत की जरूरत- 90

जिला- बैतूल
स्कूलों में नहीं बिजली व्यवस्था- 870
यहां है मरम्मत की जरूरत- 452
इनका कहना है
शासन से शौंचालय निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की गई है। बिजली और अन्य सुविधाओं के भी प्रस्ताव भेजे गए हैं। स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एके कुंभारे, डीपीसी
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