ये बोले- पुलिस विभाग के कर्मचारी दंपती
अच्छा कन्सेप्ट, राहत की उम्मीदें बढ़ी
फोटो-एचडी1502
कार्यशाला में अलग-अलग जिले में पदस्थ यानी डोलरिया में पदस्थ गोरेलाल वर्मा और हरदा के हंडिया में पदस्थ पत्नी ज्योत्सना वर्मा कहती हैं कि बच्चे छोटे-छोटे हैं इसलिए एक ही जगह पदस्थापना होनी चाहिए। क्योंकि इससे वर्किंग पर असर पड़ता है। एक दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं। एक साथ छुट्टी भी नहीं मिल पाती है। बच्चों छोटे हैं इसलिए उनकी देखभाल में दिक्कतें आती है। बच्चों को अकेले बंद कमरे में छोड़कर जाना पड़ता है। थाने से बार-बार आकर देखना पड़ता है। जो कार्यशाला हुई है, वह अच्छा कन्सेप्ट है। विभागीय तौर पर समस्याएं जल्द होने की उम्मीदें है।
पति-पत्नी की पोस्टिंग साथ-साथ रहे
रायसेन जिले में पदस्थ हेमलता मिश्रा एवं नर्मदापुरम में कार्यरत पंकज मिश्रा बताते हैं कि आईजी मेडम ने जो कार्यशाला आयोजित की बहुत अच्छी सोच है। इससे हम सभी खुश हैं। यहां आकर तनाव कम हुआ है। खुलकर पति-पत्नी के जो लीगल समस्या, इश्यू हैं उस पर विचार हुआ। उम्मीद है आगे भी कार्यशाला होती रहे। अधिकारियों तक समस्या सीधे पहुंचे और उनका निराकरण हो सके। सुझावों पर अमल हो सके। हम दोनों दंपती समन्वय से कार्य क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं। पोस्टिंग साथ रहे।
इनका कहना है...
विभाग के महिला-पुरुष कर्मचारियों (दंपतियों) ने कई समस्याएं बताईं और सुझाव भी दिए हैं। प्रदेश में नर्मदापुरम में यह पहला प्रयोग आईजी के मार्गदर्शन में किया गया। महिला-पुरुष दंपती ने बेहतर रिलेशनशिप एवं जीवन कैसे बेहतर हो सकता है इस बारे में अच्छे सुझाव दिए हैं।
-विनीत कपूर, मास्टर टे्रनर
कार्यशाला का ये आइडिया पचमढ़ी की बीती कार्यशाला से निकला था। महिला-पुरुष कर्मियों खासकर दंपतियों की विभागीय ड्यूटी व परिवार की जिम्मेदारी में आने वाली चुनौतियों व समस्याओं को जाना-समझा गया। विभाग में महिलाओं के आने से कार्य स्थलीय बदलाव भी आया है। महिलाओं को घर-ड्यूटी दोनों के बीच संतुलन बनाने के टिप्स दिए गए हैं।
-दीपिका सूरी, आईजी नर्मदापुरम रेंज पुलिस विभाग।
अच्छा कन्सेप्ट, राहत की उम्मीदें बढ़ी
फोटो-एचडी1502
कार्यशाला में अलग-अलग जिले में पदस्थ यानी डोलरिया में पदस्थ गोरेलाल वर्मा और हरदा के हंडिया में पदस्थ पत्नी ज्योत्सना वर्मा कहती हैं कि बच्चे छोटे-छोटे हैं इसलिए एक ही जगह पदस्थापना होनी चाहिए। क्योंकि इससे वर्किंग पर असर पड़ता है। एक दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं। एक साथ छुट्टी भी नहीं मिल पाती है। बच्चों छोटे हैं इसलिए उनकी देखभाल में दिक्कतें आती है। बच्चों को अकेले बंद कमरे में छोड़कर जाना पड़ता है। थाने से बार-बार आकर देखना पड़ता है। जो कार्यशाला हुई है, वह अच्छा कन्सेप्ट है। विभागीय तौर पर समस्याएं जल्द होने की उम्मीदें है।
पति-पत्नी की पोस्टिंग साथ-साथ रहे
रायसेन जिले में पदस्थ हेमलता मिश्रा एवं नर्मदापुरम में कार्यरत पंकज मिश्रा बताते हैं कि आईजी मेडम ने जो कार्यशाला आयोजित की बहुत अच्छी सोच है। इससे हम सभी खुश हैं। यहां आकर तनाव कम हुआ है। खुलकर पति-पत्नी के जो लीगल समस्या, इश्यू हैं उस पर विचार हुआ। उम्मीद है आगे भी कार्यशाला होती रहे। अधिकारियों तक समस्या सीधे पहुंचे और उनका निराकरण हो सके। सुझावों पर अमल हो सके। हम दोनों दंपती समन्वय से कार्य क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं। पोस्टिंग साथ रहे।
इनका कहना है...
विभाग के महिला-पुरुष कर्मचारियों (दंपतियों) ने कई समस्याएं बताईं और सुझाव भी दिए हैं। प्रदेश में नर्मदापुरम में यह पहला प्रयोग आईजी के मार्गदर्शन में किया गया। महिला-पुरुष दंपती ने बेहतर रिलेशनशिप एवं जीवन कैसे बेहतर हो सकता है इस बारे में अच्छे सुझाव दिए हैं।
-विनीत कपूर, मास्टर टे्रनर
कार्यशाला का ये आइडिया पचमढ़ी की बीती कार्यशाला से निकला था। महिला-पुरुष कर्मियों खासकर दंपतियों की विभागीय ड्यूटी व परिवार की जिम्मेदारी में आने वाली चुनौतियों व समस्याओं को जाना-समझा गया। विभाग में महिलाओं के आने से कार्य स्थलीय बदलाव भी आया है। महिलाओं को घर-ड्यूटी दोनों के बीच संतुलन बनाने के टिप्स दिए गए हैं।
-दीपिका सूरी, आईजी नर्मदापुरम रेंज पुलिस विभाग।