—— हर मशीन पर १ हजार लीटर की खपत इटारसी स्टेशन पर लगी वाटर वेंडिंग मशीन में खपत बढ़ गई है। स्टेशन पर 15 वाटर वेंडिंग मशीन लगी हैं। एक मशीन से रोजाना लगभग एक हजार लीटर पानी की खपत हो रही है। मशीन में एक टैंक में 250 लीटर पानी को ठंडा करने में ३० मिनट का समय लगता है। जंक्शन पर ट्रेनों की निरंतर आवाजाही होने से ठंडे पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यही हालात होशंगाबाद स्टेशन की दोनों वाटर वेंडिंग मशीनों के हैं। गर्मी से वे भी पर्याप्त ठंडा पानी उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं।
—— प्रतिदिन कम पड़ रहा 15 लाख लीटर जंक्शन से करीब 150 ट्रेनें रोजाना गुजरती हैं। गर्मी से पानी की डिमांड दोगुनी हो गई है। कोच वाटरिंग, पेयजल आपूर्ति के लिए 85 लाख लीटर पानी की जरूरत है। अभी 70 लाख लीटर ही मिल रहा है। तवा नदी का जलस्तर कम होने से रेलवे को रोजाना 15 लाख लीटर पानी कम मिल रहा है।
——– इनका कहना है इंटकवेल में वाटर लेवल कम होने से रोजाना लगभग 15 लाख लीटर पानी की सप्लाई कम हो रही है। जंक्शन पर रोजाना 85 लाख लीटर पानी की जरूरत है जबकि अभी 70 लाख लीटर पानी की सप्लाई हो रहा है।
एमके अग्रवाल, आईओडब्ल्यू —————- इधर होशंगाबाद स्टेशन पर भी यात्री ठंडे पानी के लिए परेशान हैं। नल स्टेंडों मे गुनगुना पानी आ रहा है जिससे यात्री परेशान हैं। होशंगाबाद स्टेशन पर पानी के इंतजाम तो हैं मगर तेज गर्मी ने उन्हें अनुपयोगी बना दिया है।
4 चलित प्याऊ बुझा रहे प्यास भीषण गर्मी में यात्रियों की ठंडे पानी की जरुरत श्री साई सेवा समिति के 4 चलित प्याऊ पूरा कर रहे हैं। प्यास से परेशान जनरल कोच के यात्री वाटर एटीएम और नल स्टेंड छोड़कर इनसे ही पानी ले रहे हैं। वहीं एसी कोच के यात्री बोतलबंद पानी खरीद रहे हैं। प्रतिदिन रेलवे स्टेशन पर करीब 1000 लीटर बोतलबंद पानी बिक रहा है।
—– किसने क्या कहा रेलवे ने स्टेशन पर पानी के पर्याप्त इंतजाम किए हैं। ठंडे पानी के लिए वाटर वेंडिंग मशीन व वाटर कूलर हैं। यात्रियों को उनसे भरना चाहिए। जो भी पेयजल स्रोत हैं उनकी सफाई पर भी ध्यान दिया जाता है।
एचके तिवारी, स्टेशन प्रबंधक