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हर पंजीयन केंद्र पर बनाया सूचना एवं परामर्श केंद

locationहोशंगाबादPublished: Feb 15, 2019 12:35:29 pm

Submitted by:

Rahul Saran

होशंगाबाद जिले में पहला प्रयोग

Information and Counseling Center on Every Registration Center

Information and Counseling Center on Every Registration Center

होशंगाबाद। होशंगाबाद जिले में रबी फसलों के पंजीयन के लिए पंजीयन केंद्रों पर आने वाले किसानों की सुविधा के लिए पहली बार नवाचार किया जा रहा है। इस नवाचार के तहत जिले के हर पंजीयन केंद्र पर एक काउंसलिंग सेंटर बनाया गया है जिसमें किसान किसी भी तरह की समस्या होने पर केंद्र की मदद लेने पहुंच रहा है इस केंद्र पर शासकीय कर्मचारी किसान की मदद के लिए पूरा समय मौजूद रहकर समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं। जिले भर में अब तक करीब ३५ से ४० समस्याओं का निराकरण इन केंद्रों के मार्फत हो चुका है।रबी सीजन में किसानों को पंजीयन कराने के दौरान होने वाली समस्याओं की गत वर्षों में आई शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने इस बार नवाचार किया है। इस नवाचार के तहत जिले के सभी पंजीयन केंद्रों को काउंसलिंग सेंटर की सुविधा से लेस करने का कदम उठाया है। यह नवाचार खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल के पत्र के आधार पर किया गया है। जिले में १२६ केंद्रों पर पंजीयनरबी फसलों के लिए किसानों के पंजीयन का काम हो रहा है। जिले में करीब १२६ पंजीयन केंद्र हैं। इन सभी पंजीयन केंद्रों पर एक सूचना एवं परामर्श केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र में नोडल अधिकारी के साथ ही ग्राम कोटवार व पटवारी को तैनात किया गया है। यह शासकीय अधिकारी केंद्र में पंजीयन से जुड़ी किसी तरह की समस्या को लेकर आने पर उसका प्राथमिकता से निराकरण करा रहे हैं। साथ ही पंजीयन नहीं कराने वाले किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं।अब तक ५० फीसदी पंजीयनगत वर्ष करीब ६० हजार किसानों ने गेहूं की समर्थन मूल्य पर बिक्री करने के लिए अपना पंजीयन कराया था। इस बार पंजीयन की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। अभी तक करीब ३५ हजार किसानों के ही पंजीयन हो सके हैं। पंजीयन की खराब स्थिति को देखते जिला सहकारी बैंक प्रबंधन ने पंजीयन केंद्रों के प्रबंधकों को पंजीयन कार्य में तेजी लाने और लापरवाही नहीं करने के लिए चेतावनी भी जारी कर दी है। प्रबंधकों को गत वर्ष के आंकड़े तक पहुंचने के निर्देशित किया गया है।एक नजर में स्थितिकुल जमीन का रकबा-३.२५ लाख हेक्टेयरगेहूं का रकबा- करीब २ लाख ६५ हजार हेक्टेयरचना का रकबा- करीब ५५ हजार हेक्टेयरमसूर, सरसों व मटर का रकबा-करीब ३ हजार हेक्टेयरकिसने क्या कहापंजीयन केंद्रों पर सूचना परामर्श केंद्र का जिले में पहली बार प्रयोग किया गया है। हर पंजीयन केंद्र पर एक काउंसलिंग सेंटर खोला गया है जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। पंजीयन का आंकड़ा बढ़ाने के लिए भी निर्देशित किया गया है।जीतेंद्र सिंह, उप संचालक कृषि
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