जगन्नाथपुरी की तरह नर्मदांचल में आयोजन जगन्नाथपुरी की तरह नर्मदांचल में भी यह आयोजन उसी परंपरा के साथ मनाया जाता है। सुबह भगवान जगन्नाथ भाई बलदाऊ और देवी सुभद्रा के विग्रह को रथयात्रा के लिए निकाला जाएगा। मंदिर में संत, महात्माओं द्वारा भगवान के स्वस्थ्य होने पर उनकी महाआरती की गई। आज रथ पर सवार होकर भगवान नगर भ्रमण को निकलेंगे।
यहां से निकलेगी यात्रा
यात्रा जगदीश मंदिर से भगवान की महाआरती के साथ शुरू होगी। पहले दिन जगदीशपुरा, सराफा चौक, मोरछली चौक, कसेरा बाजार, एकता चौक, इंदिरा चौक होते हुए महावीर टॉकीज परिसर पहुंचेगी। महावीर टॉकीज में रात्रि विश्राम के बाद, दूसरे दिन दो दिनों के लिए ग्वालटोली। इसके बाद जयस्तंभ, तारा अहाता, सेठानीघाट, सुभाष चौक पर रथ यात्रा रूकेगी। १० जुलाई को वापस भगवान जगदीश मंदिर में सिंहासन पर विराजमान होंगे।
यात्रा जगदीश मंदिर से भगवान की महाआरती के साथ शुरू होगी। पहले दिन जगदीशपुरा, सराफा चौक, मोरछली चौक, कसेरा बाजार, एकता चौक, इंदिरा चौक होते हुए महावीर टॉकीज परिसर पहुंचेगी। महावीर टॉकीज में रात्रि विश्राम के बाद, दूसरे दिन दो दिनों के लिए ग्वालटोली। इसके बाद जयस्तंभ, तारा अहाता, सेठानीघाट, सुभाष चौक पर रथ यात्रा रूकेगी। १० जुलाई को वापस भगवान जगदीश मंदिर में सिंहासन पर विराजमान होंगे।
रामसखी संग साधु महात्मा भी होंगे शामिल
रथयात्रा के साथ रामसखी और साधु संत कई दिनों पहले जगदीश मंदिर में पहुंच जाते है। इसके बाद वे रथयात्रा में शामिल होते हैं। यहां प्रदेश के अन्य जिलों से रामसखी व महात्मा शामिल हुए।
रथयात्रा के साथ रामसखी और साधु संत कई दिनों पहले जगदीश मंदिर में पहुंच जाते है। इसके बाद वे रथयात्रा में शामिल होते हैं। यहां प्रदेश के अन्य जिलों से रामसखी व महात्मा शामिल हुए।