scriptअवर्षा का असर: बारिश के इंतजार में फटने लगी जमीन, अन्नदाता परेशान | Land bursting in the rain, dry paddy crop | Patrika News

अवर्षा का असर: बारिश के इंतजार में फटने लगी जमीन, अन्नदाता परेशान

locationहोशंगाबादPublished: Jul 18, 2019 02:09:30 pm

सूख रही धान फसल पर मंडरा रहा खतरा

dhan

अवर्षा का असर: बारिश के इंतजार में फटने लगी जमीन, अन्नदाता परेशान

पिपरिया. क्षेत्र में धान की फसल पर बारिश और पर्याप्त बिजली का संकट गहरा गया है। किसान, मजदूर हाथ पर हाथ रखे बैठे आसमान की ओर टकीटकी लगाए बारिश का इंतजार कर रहे हैं। पिछले दिनों हुई बारिश के बीच जो किसान धान रोप चुके हैं उनके रोपे सूखने लगे है। क्षेत्र में प्राकृतिक प्रकोप से हाहाकार की स्थिति निर्मित हो रही है। ग्रामीण अंचल में पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से किसान और अधिक परेशान है। खैरा गांव में तीन दिन से बिजली बंद होने पर किसानों ने बिजली विभाग पहुंच शिकायत दर्ज कराई है।
किसान बोनी को तैयर लेकिन थमी बारिश
किसान धान की बोवनी करने को तैयार है लेकिन पिछले १५ दिन से बारिश थमी हुई है जिससे खेत सूखे पड़े हैं। पूर्व में हुई बारिश में जिन किसानों ने धान पौधे रोप दिए थे पानी नहीं मिलने से वे पौधे सूखने लगे हैं। प्रकृति की सबसे अधिक मार गरीब छोटे किसानों पर पड़ रही है इनकी धान की खेती बारिश पर ही निर्भर रहती है लेकिन इस साल ये खेती नहीं कर पाएंगे। किसान राजा पटेल, सुरेश पटेल, रमेश पटेल ने बताया कि बारिश नहीं होने से इस साल किसान बेहद परेशान है। सांडिया क्षेत्र के दर्जनों गांव में बिजली की उचित व्यवस्था भी नहीं है जिससे पानी नलकूप आदि से लेकर धान का रोपण कर सकें।

बारिश की उम्मीद किसानों को
हालत यह है कि जो किसान बारिश की उम्मीद में धान रोप चुके हैं उनकी फसलें पीली पडऩे लगी है इस बार आने वाले दिनों में जल्द बारिश नहीं हुई तो किसान को भारी नुकसान होने की पूरी संभावनाएं बन गई है। सांडिया क्षेत्र में जल स्तर संतोषजनक है लेकिन यहां बिजली नहीं रहने से पानी खेतों को नहीं मिल पा रहा है। सबसे बुरे हालात पचमढ़ी रोड क्षेत्र के हैं यहां पहले से जल स्तर काफी नीचे जाने से नलकूप और बोर फेल हो गए है। इस साल धान का रकबा बढऩे की उम्मीद थी लेकिन बारिश नहीं होने से अब रकबा काफी घटने की स्थिति बन गई है।
बारिश नहीं होने फट गई जमीन, सूख गए पौधे
क्षेत्र में बारिश नहीं होने से सांडिया पचलावरा ग्राम में खेतों की जमीन सूख कर फटने लगी है। धान के पौधे सूख गए है। खेत मालिक रामकिशन ने बताया कि जमीन और आसमान दोनों तरफ से मार पड़ रही है। बिजली तीन चार घंटे ही मिल रही है जिससे नलकूप से भी पानी नही दे पा रहे। इस साल धान की खेती बरबाद होने की कगार पर है।
मजदूरों की बढ़ी परेशानी
धान रोपण के लिए छिंदबाड़ा, नरसिंहपुर जिले से क्षेत्र में मजदूरों ने परिवार सहित डेरा डाल दिया है लेकिन खेतों में पानी के अभाव में धान रोपने का काम ही शुरू नहीं हो पाया है। बिना काम के मजदूरों की मजदूरी प्रभावित है उनके उदर पोषण की परेशनी बढ़ गई है। गांव पटेल, बड़े किसान बाहर से मजदूरों के जत्थे लेकर आते हैं वे सब बारिश के इंतजार में बेकाम होकर बैठे है।
धान का रकबा बारिश नहीं होने से घटेगा। धान के रोपे किसानों ने तैयार करना बंद कर दिए है। दो-तीन दिन में बारिश नहीं होने पर धान का रकबा इस साल काफी घटने की उम्मीद है। धान को भरपूर पानी चाहिए तभी फसल तैयार होती है। अनेक किसानों की फसल बारिश नहीं होने से पीली पडऩे लगी है।
एसएस कौरव, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो