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जमीन के व्यपवर्तन को एसडीएम ने बदला, लोगों ने की कमिश्नर को शिकायत

locationहोशंगाबादPublished: May 05, 2019 01:14:07 pm

Submitted by:

Rahul Saran

बंगले की जगह तन रहा व्यवसायिक काम्प्लेक्स, लोगों में है नाराजी
 

hoshangabad, hospital complex, sdm office, commisioner office, rasuliya  gate

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होशंगाबाद। रसूलिया रेलवे फाटक से पहाडि़या जाने वाली सड़क पर एक कॉलोनी में बन रहे कॉम्प्लेक्स की लिखित शिकायत दो दर्जन लोगों ने नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर को की है। इस शिकायत में कॉलोनी के लोगों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पर कथित तौर अधिकार नहीं होने के बाद भी मिलीभगत से जमीन का व्यपवर्तन आवासीय से कमर्शियल करने का गंभीर आरोप लगाया है। कॉलोनी के लोगों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जमीन के व्यपवर्तन संबंधी आदेश को निरस्त करने की मांग की है।
यह है मामला

रसूलिया रेलवे फाटक के पास मौजा जलालाबाद में जमीन को लेकर वर्ष १९६९-७० में न्यायालय कलेक्टर ने आदेश दिया था कि इस क्षेत्र में कोई भूखंड ४८०० वर्गफुट से कम नहीं होगा। न्यायालय के इस आदेश के विपरीत अलका तिवारी २८ दिसंबर २०१७ को २००० वर्गफुट एवं आनंदमोहन तिवारी ने भी २००० वर्गफुट का भूखंड खरीदा। चूंकि यह भूखंड निर्धारित साइज से कम में बिके हैं इसलिए वहां पर निर्माण नहीं हो सकता है। इस पर लगी तमाम आपत्तियों के बाद भी मकान का काम चालू कर दिया गया है। नपा ने २६ अप्रैल को कलेक्टर के आदेश की अवहेलना का हवाला देकर काम रोकने का नोटिस भी दिया था मगर काम चालू है।
अधिकारी पर लगाए आरोप

इस पूरे मामले में दो दिन पहले कॉलोनी के लोगों ने कमिश्नर को यह शिकायत की है कि जमीन का व्यवपर्तन बदलने का अधिकार कलेक्टर कार्यालय को है बावजूद उसके कलेक्टर के आदेश की अनदेखी करते हुए जमीन का व्यपवर्तन कमर्शियल कर दिया गया है जबकि अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में कलेक्टर न्यायालय का पहले का आदेश भी दिया गया था। कॉलोनी के लोगों ने कहा कि इस मामले में शुरू से अभी तक अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों व शिकायतों की अनदेखी की जा रही है।
किसने क्या कहा

हमने जमीन का व्यपवर्तन नियमों के तहत ही किया है। उसमें किसी तरह की कोई अनदेखी नहीं हुई है। हमें हमारे अधिकारों का पूरा ज्ञान है।

राधेश्याम बघेल, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व होशंगाबाद
कॉलोनी के लोगों ने कमिश्नर कार्यालय में शिकायत की है। शिकायत में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय द्वारा अधिकार नहीं होने के बावजूद जमीन का व्यवपर्तन बदलने की बात रखी है और उसे निरस्त करने की मांग की है।
समीर जायसवाल, स्थानीय निवासी

हमारे द्वारा किसी तरह से कोई नियमविरुद्ध निर्माण नहीं किया जा रहा है। हमने सभी अनुमतियां ली हैं। व्यपवर्तन का विषय शासन का है और प्रशासकीय अधिकारियों ने पूरी जानकारी के बाद ही किया है।
डॉ आनंद मोहन तिवारी, कॉम्प्लेक्स निर्माणकर्ता

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