बताया जा रहा है कि राजेन्द्र सराठे करोड़ों रुपए के कर्ज में डूबा था। सुसाइड नोट में लगभग 1.25 करोड़ के लेनदेन का हिसाब मिला है। जिले के कई सूदखोरों द्वारा संचालक को तंग करने औऱ धमकी देने की बात भी सामने आ रही है। कमरे से सुसाइड नोट, मोबाइल सहित अन्य हिसाब-किताब के दस्तावेज भी बरामद किए हैं। फिलहाल पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, एक सूदखोर के द्वारा 50 लाख रुपए के कर्ज के एवज में 50 डेढ़ गुा अधिक ब्याज लेने का दबाव बनाया जा रहा था जिस कारण से संचालक परेशान था और उसने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया है।
संचालक की पत्नी ने बताया कि सराठे दोपहर में खाना खाने घर आए थे। खाना खाने के बाद को वापस मैरिज गार्डन चले गए। शाम को पत्नी लगातार फोन लगाती रही लेकिन फोन नहीं रिसीव हुआ तो। पत्नी ने मैरिज गार्डन में काम करने वाले एक कर्मचारी को फोन लगाया। कर्मचारी जब गार्डन के कमरे में पहुंचा तो वहां का नजारा देखकर सन्न रह गया। जब तक कर्मचारी कमरे में पहुंचा तब तक राजेन्द्र सराठे की मौत हो चुकी थी। कर्मचारी ने इसकी सूचना परिजनों और पुलिस को दी।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने राजेन्द्र सराठे के शव को नीचे उतारने के बाद तलाशी ली। पुलिस को हिसाब-किताब के जो दस्तावेज बरामद हुए हैं। उसमें 1 करोड़ 14 लाख रुपए के लेन-देन का हिसाब है। 65 लाख 82 हजार 400 रुपए के अलावा 48 लाख 40 हजार रुपए का हिसाब मिला है। कर्ज में डूबे राजेंद्र के साथ मीनाक्षी चौक के गिन्नी कंपाउंड में संचालित फाइनेंस कंपनी ने भी करीब 2 लाख की ठगी की थी। पुलिस ने कंपनी संचालक को गिरफ्तार कर करीब 50 लाख रुपए से अधिक की ठगी का पर्दाफाश कर केस दर्ज किया था।
परिजनों का आरोप है कि सुसाइड नोट में कांग्रेस नेता का नाम होने के कारण पुलिस उचित कार्रवाई नहीं कर रही है। परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने सुसाइड नोट छिपा लिया है। वहीं, परिजनों ने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है।