दृश्य एक: एक दूसरे पर गिर पड़ रहे
बसों की हालत ये है कि बस स्टैंड पर सवारियं से सीटें फुल करने के बाद भी क्षमता से अधिक सवारियों को चढ़ाया जा रहा है। लोगों को खड़े रहकर पाइपों को जैसे-तैसे पकड़कर यात्रा करनी पड़ रही। शहर सीमा में जरा-जरा सी दूरी पर ही बने जिगजेग स्पीड ब्रेकरों से जब बसें निकलती है लोग दचके के कारण उछल रहे और एक दूसरे पर गिर-पड़ रहे हैं। सोमवार को जब पत्रिका टीम ने इस जायजा लिया तो कुछ इस तरह के नजारे सामने आए। यात्रियों से जब पूछा तो उनका कहना था, जरूरी काम के लिए खड़े रहकर भी यात्रा करना मजबूरी है। बस चालक कहते हैं कि सवारी अगर बीच रस्ते पर रुकवाकर जबरन बैठती है तो उसे उतारना भी मुश्किल होता है। अगर नहीं बैठाओं तो विवाद करते हैं।
दृश्य दो : अभी भी चौराहों को बाधित कर रही बसें
शहर में यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं आ पा रहा है। अभी भी बसें चौक-चौराहों पर बीच सड़क पर खड़ी होकर सवारियों को बैठा रहीं है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के सख्त निर्देश, समझाइश और जुर्माना किए जाने के बाद भी बस वाले नहीं मान रहे। मंगलवार को भी ओवर ब्रिज तिराहा और एनएमवी कॉलेज तिराहे पर बसों के ये थे नजारे।
बसों की हालत ये है कि बस स्टैंड पर सवारियं से सीटें फुल करने के बाद भी क्षमता से अधिक सवारियों को चढ़ाया जा रहा है। लोगों को खड़े रहकर पाइपों को जैसे-तैसे पकड़कर यात्रा करनी पड़ रही। शहर सीमा में जरा-जरा सी दूरी पर ही बने जिगजेग स्पीड ब्रेकरों से जब बसें निकलती है लोग दचके के कारण उछल रहे और एक दूसरे पर गिर-पड़ रहे हैं। सोमवार को जब पत्रिका टीम ने इस जायजा लिया तो कुछ इस तरह के नजारे सामने आए। यात्रियों से जब पूछा तो उनका कहना था, जरूरी काम के लिए खड़े रहकर भी यात्रा करना मजबूरी है। बस चालक कहते हैं कि सवारी अगर बीच रस्ते पर रुकवाकर जबरन बैठती है तो उसे उतारना भी मुश्किल होता है। अगर नहीं बैठाओं तो विवाद करते हैं।
दृश्य दो : अभी भी चौराहों को बाधित कर रही बसें
शहर में यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं आ पा रहा है। अभी भी बसें चौक-चौराहों पर बीच सड़क पर खड़ी होकर सवारियों को बैठा रहीं है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के सख्त निर्देश, समझाइश और जुर्माना किए जाने के बाद भी बस वाले नहीं मान रहे। मंगलवार को भी ओवर ब्रिज तिराहा और एनएमवी कॉलेज तिराहे पर बसों के ये थे नजारे।