scriptविधायक कमल पटेल का बेटा सुदीप एक साल के लिए हुआ जिलाबदर | MLA Kamal Patel's son Sudeep was born for a year | Patrika News

विधायक कमल पटेल का बेटा सुदीप एक साल के लिए हुआ जिलाबदर

locationहोशंगाबादPublished: Jan 16, 2020 10:54:34 pm

Submitted by:

sandeep nayak

– कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी एस. विश्वनाथन ने जारी किए आदेश

harda news

खिरकिया जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष सुदीप पटेल

हरदा. कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी एस. विश्वनाथन द्वारा विधायक कमल पटेल के पुत्र व खिरकिया जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष सुदीप पटेल को गुरुवार को जिलाबदर करने के आदेश जारी करने के बाद जिले की राजनीति गरमा गई है। सुदीप की पत्नी कोमल पटेल हरदा जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं। कलेक्टर विश्वनाथन ने गुरुवार को राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 (ब) के तहत आदेश जारी कर सुदीप पिता कमल पटेल (32) निवासी बारंगा तहसील खिरकिया थाना छीपावड़ को 1 वर्ष के लिए जिला हरदा एवं उससे लगे समीपवर्ती जिले होशंगाबाद, खंडवा, देवास, सीहोर, बैतूल की राजस्व सीमाओं से निष्कासित किया है। ज्ञात हो कि तत्कालीन कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी श्रीकांत बनोठ ने 23 मई 2017 को भी सुदीप को जिलाबदर किया था। हाईकोर्ट से पटेल को राहत मिलने के बाद मामला ठंडा पड़ गया था। तब राज्य में भाजपा की सरकार होने से विधायक पटेल इस मामले में जमकर गरजे थे। यह आदेश जारी होने के बाद तत्कालीन कलेक्टर बनोठ का स्थानांतरण भी हो गया था। हालांकि बाद में यह निरस्त भी हो गया था।
तत्कालीन कलेक्टर पर मिलीभगत के लगाए थे आरोप
9 मई 2017 को पटेल ने एकाएक नर्मदा में हुए अवैध उत्खनन का मुद्दा उठाकर अपनी ही सरकार को घेरे में लिया था। पटेल ने तत्कालीन कलेक्टर श्रीकांत बनोठ, तत्कालीन एसपी आदित्य प्रतापसिंह व तत्कालीन खनिज अधिकारी मुमताज खान पर खनन माफिया से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उन्हें हटाने की मांग की थी। पटेल यहीं नहीं रुके थे, उन्होंने हरदा व देवास जिले में नर्मदा में हुए अवैध उत्खनन को मुद्दा बनाते हुए 20 मई २०१७ को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में पिटीशन भी दायर की थी।
सुदीप के खिलाफ बताए 19 प्रकरण
सूत्रों के मुताबिक आदेश में पुलिस द्वारा सुदीप के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 19 प्रकरण दर्ज होने की बात कही गई है। इनमें मारपीट, एससी, एसटी एक्ट उल्लंघन सहित प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के प्रकरण हैं। प्रतिवेदन में 28 अप्रैल २०१९ को कांग्रेस नेता सुखराम बामने के साथ सुदीप द्वारा मोबाइल पर गाली-गलौज कर धमकाने सहित पूर्व विधायक डॉ. आरके दोगने द्वारा दर्ज कराए गए प्रकरण भी शामिल हैं। ज्ञात हो कि बहुचर्चित दुर्गेश जाट हत्याकांड में भी सुदीप आरोपी है। फिलहाल यह प्रकरण सीबीआई की विशेष अदालत में विचाराधीन है।
राजनीतिक द्वेषतावश कांग्रेस के इशारे पर लिया गया निर्णय : विधायक
इस संबंध में विधायक कमल पटेल ने कहा कि सुदीप को पहले भी जिलाबदर किया था। तब हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश को शून्य घोषित किया था। अब की गई कार्रवाई कोर्ट की अवमानना है। प्रशासन पूर्ण रूप से कांग्रेस की कठपुतली बनकर काम कर रहा है। भुआणा उत्सव में प्रशासन ने सुदीप का स्वागत किया था। तब कांग्रेसियों ने कलेक्टर पर आरोप लगाए। कलेक्टर ने दबाव में आकर यह कार्रवाई की, ताकि वे खुश हो जाएं। सुदीप कोई गुंडा नहीं है। पुलिस झूठे केस बनाकर ऐसा कर रही है। यह उनकी छवि खराब करने का प्रयास है। सुदीप जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि है, वह गुंडा होता तो वहां भी शिकायतें आती। यह राजनीतिक द्वेषता से किया गया निर्णय है। इस मामले में हम हाईकोर्ट की शरण लेंगे।
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